मनरेगा (सौजन्य-नवभारत)
Gondia News: गोंदिया जिले के मोहाडी तहसील के केवल 1200 की आबादी वाले निलज (खुर्द) गांव में रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत बनने वाली सड़कों के निर्माण में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं की शिकायत ग्रामीणों ने की है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि इस धांधली में सरपंच, रोजगार सेवक और ग्राम सेवक शामिल हैं।
इस संबंध में ग्राम विकास मंत्रालय, रोजगार गारंटी मंत्रालय, जिलाधिकारी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी और गट विकास अधिकारी को लिखित शिकायत दी गई है। शिकायतकर्ताओं ने तुरंत जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है और चेतावनी दी है कि यदि कार्रवाई नहीं हुई तो वे ग्राम पंचायत कार्यालय में ताला लगाकर आंदोलन करेंगे।
वर्ष 2023-24 और 2024-25 के दौरान गांव में चार सड़कों के निर्माण को मंजूरी मिली थी। नियमों के अनुसार, 60% अ-कुशल मजदूरी और 40% कुशल कार्य अपेक्षित था। लेकिन, ग्रामीणों का आरोप है कि मजदूरों से मिट्टी का काम कराने के बजाय, जेसीबी से सीधे सड़क को समतल किया गया और गिट्टी डाली गई। इसके अलावा, मजदूरों के नाम पर फर्जी हाजिरी भरकर उनके खातों में पैसे जमा किए गए, फिर उन्हें 200 से 300 रुपये देकर बाकी रकम वापस ले ली गई।
इससे भी चौंकाने वाला आरोप यह है कि स्कूली छात्रों और बाहर की कंपनियों में काम करने वाले मजदूरों के नाम भी मनरेगा की हाजिरी में दिखाए गए और उनके नाम से भी पैसे निकाले गए। शिकायतकर्ताओं ने इस घोटाले में सरपंच, रोजगार सेविका, ग्राम पंचायत अधिकारी और तकनीकी अभियंता की मिलीभगत का आरोप लगाया है।
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उन्होंने कहा है कि गरीबों के हक का पैसा हड़पकर उनके पेट पर लात मारी गई है। दूधराम बांते और अन्य ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर इस घोटाले की तुरंत जांच कर कार्रवाई नहीं हुई, तो वे ग्राम पंचायत कार्यालय में ताला लगाकर आंदोलन शुरू करेंगे।