कांग्रेस का आंदोलन (सौजन्य-नवभारत)
Gondia News: महाराष्ट्र की सरकार ने मराठा समाज को खुश करने के लिए आरक्षण देने का जीआर निकाला है। जिसमें ओबीसी समाज के आरक्षण से मराठा समाज को आरक्षण देने की बात कही गई है। जिसके कारण ओबीसी समाज आक्रोशित है और ओबीसी समाज का कही पर भी नुकसान न हो इसलिए 19 सितंबर को गोंदिया जिला कांग्रेस कमेटी के ओर से गोंदिया में मोर्चा निकालकर ओबीसी व एसटी समाज के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ ओबीसी व आदिवासी समाज के सम्मान में कांग्रेस कमेटी मैदान में ऐसे नारे देकर ओबीसी विरोधी महाराष्ट्र सरकार का निषेध करने के लिए मोर्चा निकाला गया।
जिसका नेतृत्व जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष दिलीप बंसोड, प्रदेश कांग्रेस पूर्व सचिव पी।जी। कटरे, प्रदेश कांग्रेस पूर्व सचिव अमर वराडे, प्रदेश प्रतिनिधि डॉ. झामसिंग बघेले, जिला कांग्रेस ओबीसी विभाग अध्यक्ष डॉ. जितेंद्र कटरे, प्रदेश कांग्रेस ओबीसी विभाग उपाध्यक्ष विमल कटरे, जिला कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष पुरुषोत्तम कटरे, महिला कांग्रेस अध्यक्ष वंदना काड़े, गोंदिया शहर कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष अशोक चौधरी, जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष अशोक गुप्ता, प्रदेश कांग्रेस ओबीसी विभाग संगठक भूमेश्वर शेंडे के नेतृत्व में मोर्चा निकालकर गोंदिया के उपविभागीय अधिकारी कार्यालय के समक्ष आंदोलन किया गया।
आंदोलन स्थल से दिलीप बंसोड ने संबोधित करते हुए कहा कि मराठा समाज आर्थिक रूप से समृद्ध है, वे शिक्षा और नौकरी की श्रेणी में भी है। राज्य में ओबीसी वर्ग की अन्य जाति बहुत कमजोर और अशिक्षित हैं और उनमें 27 प्रतिशत आरक्षण होने के बावजूद विकास नहीं हो रहा है। ऐसे में मराठा समाज को ओबीसी के दायरे में लाकर आरक्षण दिया गया तो उसका पूरा लाभ मराठा समाज को होगा और ओबीसी समाज पिछड़ा का पिछड़ा रह जाएगा। इसलिए मराठा समाज को ओबीसी का आरक्षण न दिया जाए।
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अनुसूचित जनजातियों में मूल आदिवासी समुदाय पिछड़ा है और आर्थिक या शैक्षणिक रूप से उन्नत नहीं हुआ है। बंजारा समुदाय एनटी, वीजेएनटी का लाभ ले रहा है। ऐसे में बंजारा समाज को अनुसूचित जनजातियों में शामिल करने का अर्थ है मूल आदिवासी को आरक्षण से वंचित करना। इसलिए बंजारा समुदाय को अनुसूचित जनजातियों में शामिल नहीं किया जाना चाहिए। ऐसा हुआ तो कांग्रेस सड़क पर उतरकर तीव्र आंदोलन करेगी। आंदोलन में डॉ. झामसिंह बघेले, पुरुषोत्तम कटरे, विमल कटरे, अशोक चौधरी, वंदना काले, ऊषा मेंढे आदि ने सभा को संबोधित किया।