
प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स: सोशल मीडिया)
AI Generated Fake Railway e-Tickets: दक्षिण पूर्व मध्य रेल्वे के नागपुर मंडल में टिकट जांच के दौरान 12 दिसंबर को फर्जी ई-टिकट के एक गंभीर मामले का खुलासा हुआ है। नागपुर मंडल वरिष्ठ वाणिज्य प्रबंधक दिलीप सिंह के निर्देश पर मंडल में विशेष सतर्कता अभियान चलाये जा रहा है।
12 दिसंबर को ट्रेन क्र. 12833 में नागपुर-गोंदिया सेक्शन के दौरान ड्यूटी पर तैनात टीटीई इंद्रजीत ने दो यात्रियों को एक ही सीट पर दावा करते हुए पाया। संदेह होने पर दोनों ई-टिकटों की एचएचटी (HHT) उपकरण से जांच की गई, जिसमें एक टिकट वास्तविक तथा दूसरा निष्क्रिय (फ्लश्ड) पीएनआर के आधार पर तैयार किया गया फर्जी ई-टिकट पाया गया।
पूछताछ में सामने आया कि यह टिकट एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा उपलब्ध कराया गया था, जिसने संपर्क करने पर मोबाइल बंद कर लिया। जांच से यह स्पष्ट हुआ कि फ्लश्ड पीएनआर का उपयोग कर ई-टिकट की पीडीएफ फाइल को डिजिटल रूप से एडिट कर एआई टूल्स की मदद से नकली टिकट तैयार किया गया था।
इसी क्रम में हाल ही में जयपुर मंडल में भी एआई के दुरुपयोग का एक मामला सामने आया है, जिसमें कुछ विद्यार्थियों ने एक व्यक्ति के वैध ई-टिकट को एआई की सहायता से एडिट कर 7 यात्रियों का टिकट दर्शाया। यह फर्जीवाड़ा तब पकड़ा गया जब हेड टीसी द्वारा मोबाइल में दिखाए गए टिकट की जांच की गई।
इस प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ वाणिज्य प्रबंधक दिलीप सिंह ने मंडल के सभी टिकट जांच कर्मचारियों (TTE/TC) को सख्त हिदायत दी है कि वे पूरी सतर्कता के साथ टिकटों की जांच करें, प्रत्येक ई-टिकट/एम-टिकट का एचएचटी से अनिवार्य सत्यापन करें तथा किसी भी संदिग्ध या संशोधित डिजिटल टिकट को तुरंत फर्जी मानते हुए आवश्यक कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करें।
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उन्होंने स्पष्ट किया कि फर्जी टिकट के मामलों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। रेलवे प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वे केवल अधिकृत माध्यमों से ही टिकट खरीदें, अनधिकृत व्यक्तियों से टिकट न लें तथा किसी भी संदिग्ध स्थिति की जानकारी तुरंत रेलवे कर्मियों को दें।






