इनामी नक्सली ने पुलिस के सामने किया आत्मसमर्पण
गोंदिया: गोंदिया पुलिस द्वारा चलाए जा रहे नक्सल विरोधी अभियान व शासन की आत्मसमर्पण योजना को देखते हुए एक खूंखार नक्सली ने पुलिस के सामने आत्मसर्मपण कर दिया है। नक्सली पर 7 लाख रुपए का इनाम था। पुलिस के समक्ष आत्मसर्पण करने वाले नक्सली को नाम देवा उर्फ अर्जुन उर्फ राकेश सुमडो मुडाम (27) बताया गया है। वह छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले का निवासी है।
मिली जानकारी के अनुसार नक्सली देवा तांडा दलम, मलाजखंड दलम, पामेड प्लाटून- 9/ प्लाटून पार्टी कमिटी मेंबर के पदों पर रहा है। आत्मसमर्पित माओवादी देवा उर्फ अर्जुन उर्फ राकेश के नक्सली गतिविधियों को छोड़ समाज के मुख्यधरा में वापस आने पर जिलाधीश प्रजीत नायर, पुलिस अधीक्षक गोरख भामरे, अपर पुलिस अधीक्षक नित्यानंद झा ने उसके इस कदम की सराहना कर उसे पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया।
आत्मसर्पित नक्सली देवा उर्फ अर्जुन 2014 से 2019 तक नक्सली संगठन में रहते हुए टिपागड फायरिंग जिला गड़चिरोली, झिलमिली काशीबहरा बकरकट्टा फायरिंग जिला राजनांदगांव झिलमिली / मलैदा फॉरेस्ट कर्मचारी से मारपीट व चौकी जलाना, हत्तीगुडा/घोडापाठ फायरींग, सुकमा के किस्टाराम ब्लास्ट, बीजापुर की पामेड फायरिंग जैसे अपराध में शामिल था।
महाराष्ट्र की अन्य खबरें पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें
आत्मसमर्पित नक्सली देवा ऊर्फ अर्जुन ऊर्फ राकेश मुख्यतः बीजापुर जिले के अति नक्सल प्रभावित भाग से होने के कारण उसके गांव में सशस्त्र गणवेशधारी माओवादियों की चहल पहल होते रहती थी। माओवादियों के प्रलोभन व गुमराह करने वाले जाल का शिकार देवा बचपन में ही हो गया और देवा नक्सली गतिविधियों में शामिल हो गया।
आत्मसमर्पित नक्सली देवा ने वर्ष 2014 में पामेड़ दलम (दक्षिण बस्तर) जिला बीजापुर में भर्ती होकर हथियार उठाया। 2014 में ही उसने अबूझमाड़ में ढाई महीने की ट्रेनिंग ली और उसके बाद 2015 में माओवादियों के बस्तर एरिया में MMC (महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़) जोन में भेजा गया।
एमएमसी में आते ही दलम सदस्य के साथ में 2016 से 2017 तक मलाजखंड दलम में काम किया। पश्चात मलाजखंड एरिया के डीवीसीएम चंदू उर्फ देवचंद का बॉडीगार्ड बनाया गया। 2018 में उसे वापस दक्षिण बस्तर में भेजा गया। 2018-19 में वो पामेड प्लाटून क्रमांक 9 में प्लाटून दलम का सदस्य रहा।
नक्सली गतिविधियों के नाम पर वरिष्ठ कैडर की चल रही मनमानी, फंड के नाम पर रुपयों की लूटमार, फर्जी ध्येय, धोरण, गुमराही, प्रलोभन, हिंसा ये सब असलियत सामने आने पर देवा ने नक्सली गतिविधियों को छोड़ पुलिस के समक्ष आत्मसर्मपण करने का निर्णय लिया।
गोंदिया पुलिस द्वारा चलाए जा रहे नक्सल विरोधी अभियान व शासन की 2005 से चल रही आत्मसर्पण योजना के तहत इसका अब तक 23 माओवादियों ने लाभ उठाकर व हिंसा का मार्ग छोड़कर आत्मसर्मपण कर समाज की मुख्यधारा में वापस आने का कार्य किया है।