
प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स: AI)
 
    
 
    
Gadchiroli Sironcha Teacher Posts Vacant: आदिवासी बहुल गड़चिरोली जिले के अंतिम छोर पर बसे सिरोंचा तहसील में पिछले अनेक वर्षों से शिक्षा विभाग का बंटाधार हो रहा है। लेकिन इसकी ओर किसी अधिकारी अथवा जनप्रतिनिधियों का ध्यान नहीं है। जिससे तहसील में शिक्षारत विद्यार्थियों का लगातार शैक्षणिक नुकसान हो रहा है।
सिराेंचा तहसील की कुल 123 प्राथमिक व उच्च प्राथमिक शालाओं के लिए सरकार ने शिक्षकों के 289 पद मंजूर किये है। लेकिन इनमें से 97 पद वर्षों से रिक्त होकर केवल 192 शिक्षक ही विद्यार्थियों को पढ़ा रहें है। इतना ही नहीं तहसील के कुल 9 केंद्रों में सभी 9 केंद्र प्रमुखों के पद भी रिक्त पड़े हुए है। साथ ही शिक्षा विस्तार अधिकारी के सभी 4 पद रिक्त होने से यहां कार्यरत शिक्षकों पर ही कार्य का अतिरिक्त जिम्मा सौंपा जा रहा है।
राज्य सरकार के शालेय शिक्षा मंत्रालय ने जहां गांव वहां शाला की तर्ज पर हर गांवों में प्राथमिक शालाएं आरंभ की है। इन शालाओं में शिक्षारत विद्यार्थियों को सभी सुविधायुक्त शिक्षा देने के लिए सर्व शिक्षा अभियान भी क्रियान्वित किया गया है। लेकिन यह अभियान सिरोंचा तहसील में पूरी तरह विफल साबित होते दिखायी दे रहा है।
सिरोंचा तहसील में कुल 74 ऐसी स्कूलें हैं जहां पर केवल 1 ही शिक्षक कार्यरत है। इन सभी स्कूलों में 1 से 4 तक की कक्षाएं होकर दर्जनों विद्यार्थी शिक्षारत है। लेकिन स्कूल में एक ही शिक्षक होने के कारण विद्यार्थियों का लगातार शैक्षणिक नुकसान हो रहा है।
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शिक्षा विभाग ने शिक्षकों पर शिक्षा के साथ अन्य विभिन्न प्रकार की जिम्मेदारियां भी सौंप रखी है। जिससे भी शिक्षक अपनी स्कूलों में समय पर नहीं पहुंच पा रहें है। शिक्षा विभाग को मजबूती देने के लिए शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने की आवश्यकता महसूस हो रहीं है।
सर्व शिक्षा अभियान के माध्यम से जिला परिषद शालाओं में शिक्षारत विद्यार्थियों को निजी स्कूलों की तर्ज पर प्रभावि शिक्षा दिलाने के लिए शालाओं को डिजिटल करने का निर्णय लिया गया है। इस योजना के तहत सभी शालाओं में विभिन्न प्रकार के साहित्य और उपकरण भेजे गये है।
इन उपकरणों को चलाने के लिए बिजली आपूर्ति की आवश्यकता होती है। लेकिन सिरोंचा तहसील के अंदरूनी गांवों की स्कूलों में आज भी बिजली सुविधा उपलब्ध नहीं होने से डिजिटल योजना की सामुग्री शो-पीस बनीं हुई है। लगातार हो रहीं अनदेखी के कारण सिरोंचा तहसील में डिजिटल शिक्षा का सपना अब तक साकार नहीं हो पाया है।






