
पानी में डूबी फसलें (फोटो नवभारत)
 
    
 
    
Gadchiroli Weather: गड़चिरोली जिले में पिछले कुछ दिनों से बेमौसम बारिश का दौर शुरू है। बुधवार की रात के दौरान जिलेभर में धुआंधार बारिश हुई। इस बेमौसम वर्षा के कारण जिले में फसलों का व्यापक नुकसान हुआ है। जिले में धान कटाई का दौर शुरू है। ऐसे में धान कटाई कर खेतों में सुखाने के लिए रखी फसलें भीग जाने से व्यापक नुकसान हुआ है।
इसी के साथ ही खड़ी फसलें भी तेज हवाएं व बारिश के कारण झुक जाने से व्यापक नुकसान हुए है। खेतों के बांधों में बारिश का पानी जमा हो गया है। जिसके चलते फसलें पानी में डूब गए है।
इस वर्ष किसानों के लिए बारिश का मौसम अच्छा बीतने के चलते किसानों ने अच्छे उत्पादन की आंस लगाई थी। जिसके कारण हल्के व मध्यम प्रजाति की फसलें परिपक्व होने के कारण किसानों ने कटाई प्रारंभ की थी। इस बीच बीते एक सप्ताह से जिले में बेमौसम बारिश का दौर शुरू हुआ है। जो रूकने का नाम नहीं ले रहा है।
इसी बीच बंगाल के उपसागर से निर्माण होने वाले मोंथा तूफान के मद्देनजर मौसम विभाग ने भी गड़चिरोली जिले समेत पूरे विदर्भ में बारिश की संभावना व्यक्त की थी। इसी के तहत बुधवार की रात से जिलेभर में बारिश का दौर शुरू है। गुरूवार को भी जारी है।
जिले में इन दिनों हल्की, मध्यम धान फसलों की कटाई का दौर शुरू है। वहीं भारी धान फसलें भी अंतिम चरण में है। ऐसे में इस धुआंधार व तूफानी बारिश ने कटाई किए गए धान फसलों को तो तबाह किया है, लेकिन खड़ी धान फसलों को भी नहीं बक्शा है। तेज हवाओं के कारण खड़ी धान फसलें भी नीचे झुक जाने के कारण पानी में डूब गई है। जिससे किसानों का व्यापक नुकसान हुआ है।
किसानों ने बड़ी उम्मीदों के साथ फसलें बोई। वहीं इस वर्ष अच्छे मौसम के चलते अच्छे उत्पादन की आंस किसानों को थी। लेकिन बीते एक सप्ताह से बारिश का दौर शुरू है। इसी बीच बुधवार की रात से जारी बारिश ने इस नुकसान में और वृद्धि की है। जिससे जिलेभर में भारी तबाही नजर आ रही है।
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फसलों का व्यापक नुकसान हुआ है। जिसके चलते जिले में विभिन्न राजनीतिक दल, सामाजिक संगठन, किसान संगठन आदि ने प्रशासन के माध्यम से सरकार की ओर ज्ञापन भेजकर किसानों को वित्तीय मदद देने की मांग की है।
मूसलाधार बारिश के कारण कटाई की गई फसलें खेतों के बांधों में जमा पानी में डूब गई है। जिससे इन भीगी फसलों को किसानों द्वारा बचाने की जद्दोजहद शुरू की है। किसान मजदूर लगाकर खेतों में भीगी फसलों को खेतों के बांधों पर रखते हुए सुखाने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन धूप का पता नहीं है।
फसलों पर लगी उपज ही अंकुरित हो रही है। जिससे किसानों द्वारा मेहनत से उगाई फसल अब बर्बाद होने की आशंका है। मूसलाधार बारिश से जिले के हजारों हेक्टेयर पर की धान फसल प्रभावित हुई है। सरकार सीधे मदद घोषित करे, ऐसी मांग हो रही है।






