
(फाइल फोटो)
गड़चिरोली: प्रति वर्ष की तरह इस वर्ष भी नक्सलियों द्वारा 2 से 8 दिसंबर की कालावधि में पीएलजीए सप्ताह मनाया जाएगा। सप्ताह में नक्सली किसी भी तरह की हिसंक घटना को अंजाम न दें, इसलिए जिला पुलिस विभाग अलर्ट मोड़ पर आकर जिले में सी-60 जवानों के माध्यम से नक्सल विरोधी अभियान तीव्र कर दिया गया है। साथ ही सीमावर्ती थानों को अलर्ट रहने का निर्देश वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने दिया है।
पिछले कुछ वर्षों की कालावधि में जिले में नक्सल आंदोलन की गतिविधियां काफी हद तक कम हो गयी है। वहीं इस वर्ष संपन्न हुए लोकसभा और विधानसभा चुनाव भी पुलिस विभाग के उचित नियोजन के चलते शांतिपूर्ण वातावरण में संपन्न हुए है। दोनों चुनाव में पुलिस विभाग सतर्क होने के कारण नक्सली किसी भी तरह की हिसंक घटना को अंजाम नहीं दे पाए।
ऐसे में प्रति वर्ष की तरह इस वर्ष भी नक्सलियों द्वारा 2 से 8 दिसंबर की कालावधि में पीएलजीए सप्ताह मनाया जाएगा। इस कालावधि नक्सलियों द्वारा जिले में हिंसक घटनाओं को अंजाम देने का प्रयास किया जाता है। जिसके मद्देनजर जिले में किसी भी तरह की हिंसक घटना न घटे, इसलिए जिले के सभी पुलिस थाना, उपपुलिस थाना और पुलिस सहायता केंद्रों को अलर्ट रहने का आदेश जारी किया गया है।
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जिला पुलिस अधीक्षक नीलोत्पल ने ड्रोन का उचित उपयोग करने की सूचना भी दी है। उन्होंने कहा कि जिले में नक्सल विरोधी अभियान तीव्र रूप से चलाकर विशेष सतर्कता बरती जाएगी।
पीएलजीए का फुल फॉर्म पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी है। इसमें माओवादी संगठन के लड़ाकुओं को शामिल किया जाता है। ये लड़ाकू सेना के जवानों के साथ आमने-सामने की मुठभेड़ में भाग लेते हैं। पीएलजीए सदस्य अत्याधुनिक हथियारों से लैस होते है साथ ही गुरिल्ला आर्मी वॉर में माहिर होते है।
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नक्सली हर साल 2 से 8 दिसंबर तक अपने इन पीएलजीए के सदस्यों के मारे जाने की याद में इस सप्ताह को मनाते हैं। अपने पूरे वर्ष का लेखा-जोखा जारी करते हैं। साथ ही आने वाले साल में संगठन कैसे चलेगा इसकी प्लानिंग भी बड़े नक्सली लीडरों के द्वारा की जाती है। इस दौरान सुरक्षाबलों पर हमले की रणनीति भी बनाई जाती है।






