
कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार (सोर्स: सोशल मीडिया)
Congress-MNS Alliance: महाराष्ट्र में कांग्रेस आगामी स्थानीय निकाय चुनावों में मनसे के साथ गठबंधन को लेकर बंटी हुई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधायक दल के नेता विजय वडेट्टीवार ने एकजुट होकर चुनाव लड़ने का समर्थन किया है, जबकि उनका यह रुख इस मुद्दे पर राज्य और मुंबई कांग्रेस के नेताओं के विचारों से उलट है।
वडेट्टीवार ने भाजपा को हराने के लिए विपक्षी एकता के महत्व पर जोर देने वाले राकांपा (शरदचंद्र पवार) प्रमुख शरद पवार के बयान का भी हवाला दिया। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि आखिरकार विचारधारा मायने रखती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि कांग्रेस गठबंधन बनाने के लिए अपनी विचारधारा से समझौता नहीं करेगी।
हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि हम मनसे को शामिल करते हुए एकजुट होकर लड़ाई लड़ने के प्रति सकारात्मक हैं। वडेट्टीवार ने तर्क दिया कि भाजपा को हराने के लिए सभी को एक साथ आना होगा। उन्होंने विपक्षी एमवीए द्वारा इस महीने की शुरुआत में मतदाता सूची में कथित विसंगतियों के खिलाफ आयोजित ‘सत्याग्रह मोर्चा’ में मनसे की भागीदारी का भी जिक्र किया।
वडेट्टीवार का मनसे को दिया गया यह खुला समर्थन मुंबई कांग्रेस इकाई के फैसले के विपरीत है, जिसने पहले ही बीएमसी चुनावों में अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख हर्षवर्धन सपकाल ने अपनी बात दोहराई है कि पार्टी कभी भी ‘हिंसा में लिप्त लोगों’ से हाथ नहीं मिलाएगी।
मुंबई कांग्रेस की प्रमुख वर्षा गायकवाड़ ने भी मनसे पर परोक्ष रूप से कटाक्ष करते हुए कहा था कि कांग्रेस उन लोगों से कभी गठबंधन नहीं करेगी जो कानून अपने हाथ में लेते हैं और दूसरों को धमकाते हैं। सूत्रों के अनुसार, महा विकास आघाडी (एमवीए) के सदस्य उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (उबाठा) और राज ठाकरे के नेतृत्व वाली मनसे के बीच बढ़ती नजदीकियों ने भी स्पष्ट रूप से कांग्रेस के स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने के फैसले को प्रभावित किया था।
भारतीय जनता पार्टी ने मनसे के साथ गठबंधन को लेकर कांग्रेस के रुख में आए बदलाव की आलोचना की है। भाजपा के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कांग्रेस के इस रुख को ‘राजनीतिक रूप से सुविधाजनक’ बदलाव बताया।
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बावनकुले ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने पहले मनसे के साथ किसी भी गठबंधन का कड़ा विरोध किया था, क्योंकि मनसे हिंदी भाषी लोगों के खिलाफ आक्रामक आंदोलन चलाती रही है। उन्होंने दावा किया कि पार्टी नेतृत्व ने हाल ही में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में मतदाताओं की नाराजगी के डर से यह रुख अपनाया था।
बावनकुले के अनुसार, अब कांग्रेस महाराष्ट्र में निकाय चुनाव से पहले अपनी सुविधा के लिए अपने रुख में बदलाव कर रही है। इसी बीच, वडेट्टीवार ने भाजपा के उस आंतरिक सर्वेक्षण को भी ‘मनगढ़ंत’ बताया, जिसमें आगामी मुंबई नगर निगम चुनाव में उसे महत्वपूर्ण लाभ मिलने का अनुमान जताया गया था।
(एजेंसी इनपुट के साथ)






