क्या विधानसभा चुनाव में हुई धांधली की जांच नहीं होगी (सौजन्यः सोशल मीडिया)
गड़चिरोली: मुंबई महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में कथित “मतदान की चोरी” के माध्यम से सत्ता में आई भारतीय जनता पार्टी गठबंधन सरकार पर कांग्रेस ने गंभीर आरोप लगाए हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने कहा है कि अचानक बढ़ा मतदान प्रतिशत और मतदाता संख्या संदेहास्पद है। इस पूरे प्रकरण की जांच की मांग कांग्रेस ने पहले ही की थी, लेकिन आज तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
सपकाल ने बताया कि सांसद राहुल गांधी ने संसद के अंदर और बाहर इस विषय को बार-बार उठाया है। अब देशभर के प्रमुख समाचार पत्रों में उनके द्वारा लिखा गया लेख प्रकाशित होने के बाद, राजनीतिक गलियारों में एक प्रकार का भूचाल आ गया है। साथ ही, चुनाव ‘फिक्सिंग’ की निष्पक्ष जांच की मांग फिर जोर पकड़ रही है।
गढ़चिरोली में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में बोलते हुए कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने कहा कि राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी ने चुनावी गड़बड़ी का मुद्दा केवल आरोपों के आधार पर नहीं, बल्कि दस्तावेजों और आंकड़ों के साथ रखा है। उन्होंने कहा, “हमने तथ्य प्रस्तुत करते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में अपने डेढ़ घंटे के भाषण में इस विषय पर एक भी शब्द नहीं कहा।”
सपकाळ ने आरोप लगाया कि कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने यह विषय चुनाव आयोग के सामने विस्तार से रखा था। फिर भी आयोग ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। उल्टा, अब नियमों में संशोधन कर यह तय किया गया कि वीडियो रिकॉर्डिंग और CCTV फुटेज की जानकारी साझा नहीं की जाएगी। यह सीधा लोकतंत्र पर प्रहार है। उन्होंने पूछा, “यदि कोई हेरफेर नहीं हुई, तो जानकारी छिपाई क्यों जा रही है?”
हर्षवर्धन सपकाल ने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि 2019 की लोकसभा चुनाव के बाद से 2024 तक महाराष्ट्र में 31 लाख नए मतदाता जुड़े, लेकिन 2024 की लोकसभा और विधानसभा चुनाव के बीच केवल 5 महीनों में 41 लाख मतदाता बढ़ जाना बहुत ही संदेहास्पद है। इसके साथ ही उन्होंने मतदान प्रतिशत में असामान्यता की ओर भी इशारा किया। उन्होंने बताया, 2004 में प्रारंभिक मतदान 60% और अंतिम 59.5%, 2014 में प्रारंभिक 62% और अंतिम 63%, 2019 में प्रारंभिक 60.46% और अंतिम 61.10% था। लेकिन 2024 में प्रारंभिक मतदान 58.22% होने के बावजूद अंतिम प्रतिशत 66.5% घोषित किया गया, यानी करीब 8% का अंतर, जो बेहद असामान्य है।
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सपकाल ने सवाल उठाया कि जब चुनाव आयोग से सवाल किए गए हैं, तो उनके जवाब गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस क्यों दे रहे हैं? क्या अब चुनाव आयोग सरकार के नियंत्रण में है? उन्होंने आरोप लगाया कि यही ‘मतदान चोरी’ का पैटर्न आगामी बिहार विधानसभा चुनाव, मुंबई महानगरपालिका चुनाव, और राज्य की स्थानीय निकायों में दोहराने की साजिश रची जा रही है।
इस लोकतंत्र विरोधी साजिश के खिलाफ कांग्रेस पार्टी ने 12 जून को राज्यव्यापी मशाल मोर्चा निकालने की घोषणा की है। गड़चिरोली में आयोजित होने वाले मुख्य मोर्चे में स्वयं प्रदेश अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल भाग लेंगे और जनजागरण की शुरुआत यहीं से होगी।