नंदघर की सी.ई.ओ. शशि अरोड़ा, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अन्य व्यक्तियों के साथ (सौजन्य-नवभारत)
गड़चिरोली: समावेशी ग्रामीण विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ाते हुए अनिल अग्रवाल फाउन्डेशन की प्रमुख पहल नंद घर ने महाराष्ट्र में 100 आंगनवाड़ी केन्द्रों को आधुनिक नंदघरों में बदलने के लिए ज़िला परिषद, गड़चिरोली के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मौजूदगी में इस एमओयू को औपचारिक रूप दिया गया, जो सबसे वंचित क्षेत्रों के समावेशी विकास के लिए राज्य की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
महाराष्ट्र सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ साझेदारी में शुरू की गई इस पहल से 6 साल से कम उम्र के 3900 बच्चों तथा 1700 से अधिक महिलाओं एवं किशोरियों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। ये आधुनिक केन्द्र बच्चों के लिए शिक्षा, पोषक भोजन, प्राथमिक चिकित्सा सुविधाएं, कौशल विकास तथा समग्र विकास के अवसर उपलब्ध कराएंगे। यह परियोजना इनोवेशन एवं समावेशी साझेदारियों के माध्यम से आदिवासी क्षेत्रों में विकास की खामियों को दूर करने की महाराष्ट्र की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, ‘‘हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप महाराष्ट्र सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि हर बच्चे को शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएं एवं पोषक आहर मिलना चाहिए। साथ ही महिलाओं को भी कौशल, आजीविका के अवसरों एवं समग्र विकास के साथ सशक्त बनाना ज़रूरी है। गड़चिरोली में 100 आंगनवाड़ी केन्द्रों को नंदघरों में बदलना सार्वजनिक-निजी भागीदारी की प्रभाविता को दर्शाता है। आने वाले समय में हम इस मॉडल को पूरे महाराष्ट्र में विस्तारित करेंगे।”
महाराष्ट्र के ठाणे में 25 आंगनवाड़ी केन्द्रों को पहले से नंदघरों में बदला जा चुका है। ऐसे में यह साझेदारी भारत की इंटीग्रेटेड चाइल्ड डेवलपमेन्ट सर्विसेज़ एवं पोषण 2.0 के अनुरूप है। यह यूएन के सतत विकास लक्ष्य 4 (गुणवत्तापूर्ण शिक्षा), 2 (शून्य भुखमरी) और 5 (लिंग समानता) के अनुसरा समावेशी प्रगति में महिलाओं और बच्चों को प्राथमिकता देती है।
आधुनिक आंगनवाड़ी केन्द्रों में वाइब्रेन्ट बाला (बिल्डिंग ऐज़ लर्निंग ऐड) डिज़ाइन, ई-लर्निंग के लिए एलईडी टीवी, बच्चों के अनुकूल फर्नीचर तथा अन्य ज़रूरी सुविधाएं जैसे सुरक्षित पेय जल, बिजली, सेनिटेशन आदि उपलब्ध होंगी।
नंद घर दिन भर दो चरणों में संचालन करेंगे। सुबह के समय बच्चों की शिक्षा एवं पोषण पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा। दोपहर में सामुदायिक प्रोग्राम जैसे स्वास्थ्य जागरुकता सत्र, सूक्ष्म उद्यमिता कार्यशालाएं एवं कौशल प्रशिक्षण सत्र आयोजित होंगे, जिनसे 600 से अधिक गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली महिलाओं और 1100 से अधिक किशोरियों को लाभ होगा। वे आत्मनिर्भर और सशक्त बन सकेंगी।
प्रिया अग्रवाल हेब्बर, नॉन-एक्ज़क्टिव डायरेक्टर, वेदांता लिमिटेड एवं चेयरपर्सन हिंदुस्तान ज़िंक लिमिटेड, जो नंद घर के विस्तार में अग्रणी रही हैं, ने कहा, ‘‘हर बच्चे को सीखने के लिए सुरक्षित स्थान और हर महिला को आगे बढ़ने का हक मिलना चाहिए। गड़चिरोली में नंद घरों के लॉन्च के साथ हम इसी अंतराल को दूर करने के लिए प्रयासरत हैं, जो कई पीढ़ियों से बना हुआ है। हम समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं और राज्य सरकार के साथ काम करते हुए ग्रामीण महाराष्ट्र की महिलाओं एवं बच्चों के स्वास्थ्य, पोषण एवं शिक्षा में सुधार लाने की दिशा में प्रयासरत हैं।’’
दीर्घकालिक प्रभाव एवं स्थायित्व को सुनिश्चित करने के लिए आंगनवाड़ी कर्मचारियों को एलईडी टीवी एवं टेबलेट के माध्यम से ई-लर्निंग कंटेंट उपलब्ध कराने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा, वहीं मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता (आशा) और ऑक्ज़ीलरी नर्स मिडवाइव्स को प्राथमिक चिकित्सा के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि समुदाय के स्वास्थ्य में सुधार लाया जा सके।
ज़िला परिषद, गड़चिरोली योग्य आंगनवाड़ियों को पहचान कर, नोडल अधिकारी तैनात कर इन प्रयासों का नेतृत्व करेगी तथा अपग्रेडेट केन्द्रों में विज़िबिलिटी एवं रखरखाव को सुनिश्चित करेगी। संयुक्त कार्यशील समूह परियोजना के संचालन का निरीक्षण करेगा। समुदाय के सशक्तीकरण एवं सेवाओं की एक समान सुलभता को सुनिश्चित कर इस परियोजना का उद्देश्य महाराष्ट्र के आदिवासी एवं वंचित ज़िलों में समग्र ग्रामीण विकास को बढ़ावा देना है।
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नंदघर पहले से 15 राज्यों में 8300 से अधिक केन्द्र स्थापित कर चुके हैं और लाखों महिलाओं एवं बच्चों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव उत्पन्न करने में सफल रहे हैं। हाल ही में इस पहल के तहत राजस्थान में 25000 आधुनिक केन्द्रों की स्थापना के लिए राज्य के साझेदारी को नवीकृत किया गया था। गड़चिरोली का लॉन्च स्वस्थ, बेहतर शिक्षित एंव आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की दिशा में नंद घर की यात्रा में एक और उल्लेखनीय उपलब्धि है।