
नागपुर न्यूज
Nagpur Latest News: अब तक शहर के अधिकांश हिस्से की सड़कों का सीमेंटीकरण पूरा हो चुका है। हालांकि देखने में आया है कि कई प्रमुख सड़कों का करीब 70 प्रतिशत हिस्से में गट्टू लगा दिए गए हैं। सही तरीके से फिट न करने के चलते अब ये गट्टू परेशानी की वजह बन रहे हैं।
जैसे-जैसे ये सड़कें बिछ रही हैं, स्थानीय लोगों व यातायात उपयोगकर्ताओं में असंतोष और कई शिकायतें भी सामने आ रही हैं। खासकर चौराहों पर और महत्वपूर्ण मार्गों पर एस प्रकार की गट्टू यानी स्लैब पट्टी लगाने की शैली पर तीखी आलोचना हो रही है।
देखने में आ रहा है कि शहर के कई चौराहों पर लगाए गए गट्टू अच्छी तरह ज्वाइंट नहीं किये जा रहे। इस वजह से उस सतह पर वाहनों के टायर फिसल रहे हैं। स्लैबों या गट्टू ब्लॉकों को इस तरह फिट किया जाता है कि उनमें से पानी मिट्टी में अवशोषित नहीं हो पाता। इससे बारिश या पानी की परत बनती है और फिसलन बढ़ जाती है।
कुछ प्रमुख सड़कों का केवल आधा हिस्सा ही सीमेंट स्लैब से बनाया गया, जबकि अन्य आधे हिस्से पर पुराने हिस्से या मिट्टी-गिट्टी मिश्रण है। इस असमान सतह के कारण वाहन नियंत्रण पर असर पड़ता है। पहले से बने सीमेंट मार्गों पर दरारें उभर रही हैं, यहां तक कि कुछ सड़कें गड्ढेदार हो गई हैं। अधिकांश सीमेंट की सड़कों में क्रैकिंग की शिकायतें मिली हैं।
नागपुर महानगरपालिका (एनएमसी) ने सीमेंट सड़कों के अगले चरण का प्रस्ताव पास किया है-फेज 5 में लगभग ₹900 करोड़ की लागत से 89 किलोमीटर सीमेंट सड़कों का निर्माण किया जाना है। इसमें अधिकारी यह दावा करते हैं कि पिछले चरणों में कुछ इलाकों में सड़क ऊंची हो जाने और जलभराव की समस्या आई थी, इसलिए इस बार अधिक सावधानी बरती जाएगी लेकिन योजनात्मक सुधारों के बावजूद जो रास्ते पहले बन चुके हैं उनकी गुणवत्ता और टिकाऊपन पर सवाल उठ रहे हैं।
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स्मार्ट सिटी के इस अजीबोगरीब निर्माण के कारण नागरिकों में रोष पनप रहा है। नागरिकों को उम्मीद थी कि सीमेंटीकरण के बाद सड़कों पर वाहनों को झटका भी नहीं लगेगा। इसके उलट आधी सड़क और चौराहों पर गट्टू उनका ये भ्रम तोड़ने के लिए लगाए गए हैं। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि गलत तरीके से बनाई गई सीमेंट सड़कों ने कई आवासीय इलाकों में यातना खड़ी कर दी है।






