(प्रतीकात्मक तस्वीर)
गड़चिरोली: महाराष्ट्र के गड़चिरोली जिले में पिछले कुछ दिनों से धर्मांतरण के मामले बढ़ने लगे है। आदिवासी समाज के ही कुछ लोग अपना धर्म बदलकर क्रिश्चियन धर्म को अपना रहे है। एक ही गांव में दो गुट बन जाने से कई बार इन गुटों के लोगों में विवाद निर्माण होने लगे है। ऐसा ही एक मामला तहसील के देचलीपेठा पुलिस थाना अंतर्गत आने वाले ग्राम दोड़गेर में उजागर हुआ है।
ग्राम दोड़गेर में शुक्रवार की रात गांव पूजा के दौरान आदिवासी समाज के लोगों और धर्मांतरण करने वाले क्रिश्चियन समाज के लोगों में जमकर विवाद हो गया। यह मामला पुलिस थाना पहुंचने के बाद पुलिस ने आदिवासी समाज के कुल 11 लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज कर मामले को शांत करने का प्रयास किया।
जानकारी के अनुसार आदिवासी समाज के लोगों द्वारा प्रति वर्ष खरीफ सत्र के शुरुआती दिनों में गांव पूजा की जाती है। यह पूजा लगातार तीन दिनों तक चलती है। इसी तरह की पूजा गड़चिरोली जिले के ग्राम दोड़गेर में शुक्रवार को आयोजित की गई। लेकिन गांव में धर्मांतरण कर क्रिश्चियन समाज को अपनाने वाले तकरीबन 65 व्यक्ति होने से आदिवासी समाज के लोगों ने पूजा के दौरान सभी लोगों को 2 से 3 दिनों के लिए गांव में न रहने की सूचना दी।
धर्मांतरण करने वाले लोगों द्वारा इसका विरोध किया गया और पूजा के दौरान शुक्रवार की देर शाम गांव के मुख्य चौक में पहुंचकर आदिवासी समाज के लोगों के साथ विवाद शुरू कर दिया। यह विवाद अपने चरम सीमा पर पहुंचा और लोगों के बीच हाथापाई भी हुई। कुछ देर बाद मामला शांत होते ही क्रिश्चियन समाज के लोगों ने मामले में देचलीपेठा पुलिस थाना में शिकायत दर्ज कराई।
शिकायत के मिलते ही पुलिस ने तत्काल जांच आरंभ करते हुए मामले में दोड़गेर गांव के 11 आदिवासी लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया है। इन सभी लोगों को शनिवार की दोपहर सिरोंचा के न्यायालय में पेश किया गया। जहां सभी आरोपियों को जमानत पर रिहा किया गया।
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पुलिस थाना प्रभारी पवन बंदे ने बताया कि दोड़गेर गांव में हुए विवाद के मामले की जांच शुरू है। अभी आरोपियों के नाम साझा नहीं किये जा सकते।
दोडगेर के सरपंच जयवंत मडावी ने कहा कि आदिवासी समाज के रीति-रिवाज बरसों से शुरू है। ऐसे में समाज छोड़कर दूसरा समाज अपनाने वाले लोगों के लिए हमारी परंपरा को नहीं तोड़ा जाएगा। धर्मांतरण करने वाले लोगों को यदि हमारी परंपरा से कोई तकलीफ हैं वे स्वयं से गांव छोड़ सकते है।