खेत (सोर्स: सोशल मीडिया)
गड़चिरोली: केंद्र सरकार द्वारा 1 रुपये में फसल बीमा योजना में इस वर्ष पूर्णत: बदलाव किया है। नये नियम में बीमा हफ्ता किसानों को भरना पड़ रहा है। वहीं नियम में जटिल शर्त होने की शिकायत होने से किसानों द्वारा उम्मीद अनुसार प्रतिसाद नहीं मिल रहा है। इस वर्ष अब तक गड़चिरोली जिले में केवल 5 हजार किसानों ने ही फसल बीमा के लिए पंजीयन किया है। 31 जुलाई अंतिम तारीख होने से किसान फसल बीमा की ओर मुंह मोड़ते दिखाई दे रहे है।
वर्ष 2023 के खरीफ सत्र से राज्य में 1 रुपये में फसल बीमा योजना चलाई जा रही थी। किसान केवल एक रुपये भरकर योजना में शामिल हो सकते थे। लेकिन अब राज्य सरकार ने यह योजना बंद की है। जिससे किसानों को खरीफ सत्र के लिए बीमा संरक्षित रकम का 2 फीसदी, रबी के लिए 1.5 फीसदी व दोनों सत्र के नगद फसलों के लिए बीमा संरक्षित रकम का 5 फीसदी हफ्ता भरना पड़ रहा है।
गड़चिरोली में 91 हजार 432 सभासद किसान होकर अब तक केवल 5 हजार किसानों ने 3249.2 हेक्टेयर क्षेत्र बीमा संरक्षित किया है। इसमें प्रमुखता से धान, सोयाबीन, कपास फसलों का बीमा कवच निकालने में किसानों की प्राथमिकता दिखाई दे रही है।
पहले 1 रुपये फसल बीमा योजना अंतर्गत कुल 4 ट्रिगर के आधार पर मुआवजा दिया जा रहा था। लेकिन नये बदलाव अनुसार इनमें से स्थानीय नैसर्गिक आपदा, सत्र की प्रतिकूल परिस्थिति, कटाई पश्चात मुआवजा ट्रिगर खारिज किये गये। अब केवल फसल बीमा कटाई प्रयोग के आंकड़े पर आधारित मुआवजा मिलेगा। यह नियम जटिल होने का आरोप किसानों द्वारा लगाया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर फसल बीमा निकालने संदर्भ में किसान उत्साहित नहीं दिखाई दे रहे है।
गड़चिरोली जिले में 1 लाख 40 हजार से अधिक सभासद किसानों का पंजीयन है। 2024-25 में इनमें से 91 हजार 432 किसानों ने फसल बीमा निकालते हुए 88,620.75 हेक्टेयर क्षेत्र का संरक्षण कवच दिया था। लेकिन सरकार के जटिल शर्त और नियमों के चलते इनमें से केवल 3,706 किसान बीमा के लिए पात्र हुए। संबंधित किसानों को सरकार द्वारा 5.38 लाख रुपयों का वितरण किया गया।
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क्रमांक | तहसील | बीमाधारक किसान |
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1 | चामोर्शी | 3,074 |
2 | धानोरा | 784 |
3 | गड़चिरोली | 353 |
4 | कुरखेड़ा | 321 |
5 | सिरोंचा | 140 |
6 | मुलचेरा | 139 |
7 | आरमोरी | 131 |
8 | एटापल्ली | 29 |
9 | देसाईगंज | 21 |
10 | भामरागड़ | 04 |
11 | कोरची | 01 |
कुल | 5,000 |
किसान तुलसीराम गोहणे ने कहा कि पहले 1 रुपये में फसल बीमा दिया। वह भरने के लिए ऑनलाइन केंद्र पर 100-150 रुपये लग रहे थे। अब सरकार ने 1 रुपये में फसल बीमा बंद कर किसानों को ठगाया है। जिसके कारण किसान पूरी तरह बेहाल हो गये है। वर्तमान स्थिति में महंगाई काफी बढ़ गई है। जिसके कारण 1 रुपये में फसल बीमा देना चाहिये।