लकड़ी डिपो में लगी आग (नवभारत- ब्यूरो)
गड़चिरोली: गड़चिरोली शहर के पोटेगांव मार्ग पर स्थित वनविभाग के लकड़ी डिपो में गुरुवार को दोपहर के समय अचानक आग लग गई। जिसमें लकड़ी डिपो के करीब 5 से 10 बीट जलकर राख हो गये। जिसमें डिपो का लाखों रुपयों को नुकसान होने की की बात सामने आ रही है।
लकड़ी डिपो को आग लगने की जानकारी मिलते ही कार्यरत वनाधिकारी और कर्मचारियों ने तत्काल नगर परिषद के दमकल वाहन को घटनास्थल पर बुलाकर आग पर काबू पाया। जिसके कारण बड़ा नुकसान टल गया। एक तरफ वनविभाग द्वारा जंगल में लगने वाली दावानल की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए प्रत्येक वनविभाग में वनाधिकारी और कर्मचारियों के दस्ते गठित किये गये है।
वहीं, वनविभाग द्वारा जंगल में आग न लगाने संदर्भ में नागरिकों में जनजागृति भी की जा रही है। लेकिन गड़चिरोली जिला मुख्यालय में मुख्य वनसंरक्षक कार्यालय, उपवनसंरक्षक कार्यालय होने बाद भी इन कार्यालय समीप वनविभाग के लकड़ी डिपो को आग लगने से कार्यरत अधिकारी और कर्मचारियों के कार्यप्रणाली पर प्रश्न उपस्थित किया जा रहा है।
गुरुवार को सुबह गड़चिरोली जिला मुख्यालय समीपस्थ बोदली गांव के जंगल में आग लग गई। ऐसे में हवा चलने के कारण हवा के साथ ही आग भी फैलने लगी। इस बीच दोपहर के समय देखते ही देखते आग पोटेगांव बायपास मार्ग पर स्थित वनविभाग के लकड़ी डिपो तक पहुंच गई। जहां पर रखी जलाऊ लकड़ियों को आग ने अपने चपेट में लिया। और आग तीव्र रूप धारण करने के कारण परिसर के 5 से 10 लकड़ा बीट जलकर राख हो गये।
गड़चिरोली के काष्ठ भंडार में बड़ी मात्रा में कीमती और जलाऊ लकड़ियां रखी है। करीब 3 किमी के दायरे में यह लकड़ा बीट रखा गया है। वर्तमान में ग्रीष्मकाल के दिन शुरू होकर इन दिनों में जंगल में आग लगना आम बात है। ऐसे में काष्ठ भंडार क्षेत्र में सुरक्षा के उपाय करना जरूरी था। लेकिन इस मामले की ओर वनाधिकारियों द्वारा अनदेखी की गई। हालांकि समय रहते आग पर ध्यान दिया गया, अन्यथा भारी नुकसान हो सकता है। काष्ठ भंडार में हमेशा वनकर्मी और मजदूरों की आवाजाही रहने के बाद भी लकड़ा बीट को आग लगने से आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है।
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वन परिक्षेत्राधिकारी अविनाश भंडागे ने बताया कि दोपहर के समय लकड़ी डिपो को आग लगने की जानकारी मिलते ही तत्काल नगर परिषद से दमकल वाहन बुलाई गयी। और कार्यरत वनाधिकारी, कर्मचारी और मजदूरों की सहायता से आग पर काबू पाया गया। घटना में 5 से 10 लकड़ी डिपो में आग लगने की प्राथमिक जानकारी है। लकड़ी डिपो को लगी आग पर काबू पाने के लिए कार्यरत अधिकारी और कर्मचारियों ने विशेष परिश्रम किया।