(प्रतीकात्मक तस्वीर)
Gadhchiroli News In India: अनेक वर्षों की प्रतीक्षा के बाद गड़चिरोली में शुरू हुआ सरकारी वैद्यकीय महाविद्यालय फिर एक बार विवाद में घिर गया है।
अस्थाई व्यवस्था के लिए किये गये 28 करोड़ के विकास कार्यों में बड़े पैमाने पर अनियमितता होने का आरोप लगाने के बाद जिलाधीश अविश्यांत पंडा ने जांच के आदेश दिये है। इसके अलावा ठेका प्राध्यापक और कर्मचारी भर्ती पर भी अनेकों ने प्रश्न उपस्थित करने से महाविद्यालय प्रशासन अड़चन में पड़ गया है।
मेडिकल कॉलेज वर्तमान स्थिति में बुनियादी सुविधा के अभाव के चलते चर्चा में है। महाविद्यालय में एमबीबीएस पाठ्यक्रम शुरू होने पर भी इसके लिए आवश्यक सुविधाओं का अभाव है। छात्रावास में निवास और स्वच्छतागृह की उचित व्यवस्था नहीं है। पाठ्यक्रम के लिए आवश्यक शैक्षणिक साधन, ग्रंथालय, प्रयोगशाला की व्यवस्था विकट है।
जिससे छात्र, प्राध्यापक व मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। महाविद्यालय शुरू होने के बाद अस्थाई स्वरूप में विकास कार्यों के लिए करीब 28 करोड़ से अधिक की निधि खर्च की गई है। लेकिन गलत नियोजन के चलते महाविद्यालय की समस्या हल होने के बजाय अधिक बढ़ गयी है। इस संदर्भ में विधायक डा मिलिंद नरोटे ने भी नाराजगी व्यक्त की थी। कुछ दिन पहले जिलाधीश अविश्यांत पंडा ने महाविद्यालय का निरीक्षण किया था। जहां उन्होंने भी कार्य के नियोजन पर भी नाराजगी व्यक्त करते हुए उपस्थित अधिकारियों पर बरसे थे।
नये महाविद्यालय का कार्य उचित तरीके से हो, इसलिए सरकार ने 28 करोड़ से अधिक की निधि मंजूर की है। जिसके अनुसार प्रशासन द्वारा अत्यावश्यक कार्यों की मांग करना आवश्यक था। लेकिन इसमें अधिकत्तर दूसरे दर्जे के कार्य लिये गये। जिनमें सड़क, विद्यान महाविद्यालय के नये छात्रावास का नुतनीकरण के साथ ही अन्य निर्माण कार्य का दर्जा घटिया होने से करोड़ों रुपयों का मंलिदा लाटने के लिये कारनामा करने का आरोप हो रहा है।
महाविद्यालय के अनेक अधिकारी व कर्मचारियों को उनके पात्रता अनुसार पद न देते हुए कम दर्जे के कामों पर रखे जाने से कुछ ठेका प्राध्यापकों ने इस्तीफे दिये है। नये पदभर्ती प्रक्रिया को जानबूझकर विलंब किये जाने से शैक्षणिक कार्य पर इसका नकारात्मक प्रभाव होने का आरोप लगाया गया हे। इस संदर्भ में अधिष्ठाता डा। टेकाडे से पूछने पर उन्होंने कहा कि निधि व मंजूरी के अभाव में समस्या निर्माण होकर जल्द ही सभी प्रक्रिया उचित तरीके से शुरू होगी।
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गड़चिरोली जिलाधीश अविश्यांत पंडा ने कहा है कि दो सप्ताह में हमने वैद्यकीय महाविद्यालय परिसर का निरीक्षण किया। वहीं यहां की समस्याओं संदर्भ में जानकारी ली गई। जिसके बाद जांच के आदेश दिये गये है। अनियमितता पाए जाने पर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।