छत्तीसगढ़ में नक्सलियों का कायराना हमला। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
गड़चिरोली: माओवाद प्रभावित सुकमा जिले में रविवार को पुलिस बल पर घात लगाकर किए गए नक्सली हमले में नागपुर (महाराष्ट्र) के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और कोंटा क्षेत्र के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आकाश राव गिरीपुंजे (46 वर्ष) वीरगति को प्राप्त हुए। यह विस्फोट उस समय हुआ जब सुरक्षाबलों की टीम गश्त पर निकली हुई थी। अन्य कुछ जवान इस हमले में घायल हुए हैं, जिनका इलाज जारी है।
21 मई को हुई मुठभेड़ में पुलिस ने प्रतिबंधित माओवादी संगठन के शीर्ष नेता नंबाला केशव राव उर्फ बसवा राजू सहित 27 नक्सलियों को मार गिराया था। यह कार्रवाई नक्सलियों के लिए एक बड़ा झटका थी। इसके जवाब में नक्सलियों ने 10 जून को बंद का आह्वान किया था। उसी के पूर्व दिन यह विस्फोट कर सुरक्षाबलों को निशाना बनाया गया।
एएसपी गिरीपुंजे स्वयं ऑपरेशन का नेतृत्व कर रहे थे और अग्रिम पंक्ति में चल रहे थे। कोंटा-एर्राबोर मार्ग पर स्थित डोंड्रा गांव के समीप सड़क के नीचे नक्सलियों ने शक्तिशाली विस्फोटक छिपाकर रखा था। जैसे ही पुलिस दल उस क्षेत्र में पहुंचा, घात लगाए माओवादियों ने विस्फोट कर दिया। विस्फोट की तीव्रता इतनी अधिक थी कि अधिकारी को बचाने का कोई अवसर नहीं मिला।
उनके साथी जवानों ने बताया कि गिरीपुंजे अक्सर कहा करते थे, “मैं सबसे आगे चलता हूँ, तुम पीछे मत हटना।” वही अधिकारी आज अपने साथियों को पीछे छोड़ गए। सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि नक्सली अब विस्फोटक को सड़क की गहराई में इस प्रकार छिपा रहे हैं कि आधुनिक डिटेक्टर भी उन्हें पहचान नहीं पा रहे। यह हमला पहले से बदली हुई रणनीति का संकेत देता है। हाल ही में बिजापुर में भी इसी प्रकार की घटना सामने आई थी।
माटुंगा के दबंगों ने मुंबई को दहलाया; तलवार, रॉड, कोयता से 4 को किया घायल
आकाश राव गिरीपुंजे ने अपनी संपूर्ण सेवा जीवन में अनेक सफल अभियानों का नेतृत्व किया। वे ईमानदार, सादगीपूर्ण, जनता से जुड़े और कर्मठ अधिकारी के रूप में जाने जाते थे। उनका बलिदान देश के पुलिस बल के लिए अपूरणीय क्षति है।
21 मई को छत्तीसगढ़ के अबुझमाड़ क्षेत्र के गुंडेकोट जंगल में सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच मुठभेड़ हुई थी, जिसमें माओवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव नंबाला केशव राव उर्फ गगन्ना उर्फ बसवराज सहित 27 माओवादी मारे गए। इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए माओवादियों की केंद्रीय समिति के प्रवक्ता ‘अभय’ ने एक विस्तृत बयान जारी किया है। प्रवक्ता अभय ने कहा कि इस घटना के विरोध में 10 जून को संपूर्ण भारत में बंद किया जाएगा। साथ ही, 11 जून से 3 अगस्त तक मारे गए माओवादियों की स्मृति में श्रद्धांजलि सभाएं एवं जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।