उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (फोटो: एक्स)
मुंबई. ‘वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक’ की आलोचना करनेवाले विपक्षी नेताओं को उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को जमकर फटकार लगाई। पुणे में पत्रकारों को संबोधित करने के दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में भी एक वक्फ घोटाला हुआ था। हमने देखा था कि वक्फ की जमीनें किसने हड़पीं और कांग्रेस के कौन-कौन से नेता शामिल थे। रिपोर्ट सामने आ चुकी है। जो भी विरोधक सामने आएं, इन्हें वक्फ से कुछ लेना-देना नहीं है, इन्हें सिर्फ वक्फ की जमीन से मतलब है।
दरअसल, अल्पसंख्यक मंत्री किरण रिजिजू ने गुरुवार को लोकसभा में ‘वक्फ बोर्ड संशोधन बिल’ पेश किया। वक्फ बोर्ड के नियमों में बदलाव के प्रावधान वाला यह विधेयक पेश होते ही विपक्ष ने संसद में जबरदस्त विरोध किया। लोकसभा में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, डीएमके और समाजवादी पार्टी के सांसदों ने हंगामा किया।
कांग्रेस का वक्फ बोर्ड के बिल से कोई लेना देना नहीं,
बस कांग्रेस वाले वक्फ के ज़रिए जमीने हड़पते रहना चाहते हैं।(📍पुणे | 9-8-2024)#Maharashtra #Pune #WaqfActAmendmentBill pic.twitter.com/OqKbEzApeD
— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) August 9, 2024
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कांग्रेस सांसदों का आरोप है कि सरकार वक्फ बोर्ड संशोधन कानून लाकर संविधान के अनुच्छेद 30 का उल्लंघन कर रही है। कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि यह विधेयक संघ व्यवस्था पर हमला है। इस मामले में एनसीपी शरद चंद्र पवार सांसद सुप्रिया सुले ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि इस बिल (वक्फ संशोधन) के जरिए एक नई नीति देखने को मिल सकती है।
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उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विरोधियों का तमाम आलोचनाओं का जवाब देते हुए कहा कि इसका उद्देश्य केंद्रीय पोर्टल के माध्यम से वक्फ बोर्ड की संपत्तियों और परिसंपत्तियों के पंजीकरण की सुविधा प्रदान करना है, 18 फरवरी को राज्यसभा। फिर 8 अगस्त को इस बिल को लोकसभा में पेश किया गया। इस बिल का मकसद देश में 30 से ज्यादा वक्फ बोर्ड हैं।
केंद्रीय वक्फ बोर्ड और राज्य वक्फ बोर्ड का विलय कर दिया जाएगा, जिससे मुस्लिम महिलाओं और गैर-मुसलमानों को भी अपनी संपत्तियों से होने वाली आय खर्च करनी होगी। साथ ही, कलेक्टर यह तय करेंगे कि कौन सी संपत्ति वक्फ बोर्ड की है। जो बिल आया है, इस बिल से पारदर्शिता आएगी। इससे जमीन हहप रहे लोगों पर गाज गिरेगी। इसलिए उन्होंने इसका विरोध किया। अब यह विधेयक समिति के पास है और उचित निर्णय लिया जाएगा।