महाराष्ट्र के बच्चे पढ़ेंगे सीबीएसई पाठ्यक्रम (सौजन्यः सोशल मीडिया)
मुंबई: राज्य के शिक्षा मंत्री दादा भुसे ने बताया कि राज्य में शैक्षणिक वर्ष 2025-26 से केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) का पाठ्यक्रम लागू होगा। भुसे ने कहा कि राज्य में सीबीएसई पैटर्न 2 चरणों में लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रथम चरण में कक्षा एक में सीबीएसई पैटर्न लागू किया जाएगा। साथ ही आगामी वर्ष में शिक्षकों एवं शिक्षा अधिकारियों को सीबीएसई पैटर्न के लिए प्रशिक्षित भी किया जाएगा।
भुसे ने जानकारी दी कि अगले वर्ष सीबीएसई पैटर्न को अन्य कक्षाओं में भी लागू किया जाएगा। मंत्री भुसे ने कहा कि सीबीएसई पैटर्न अपनाते समय यह सुनिश्चित किया जाएगा कि महाराष्ट्र का इतिहास, भूगोल और मराठी भाषा पाठ्यक्रम का हिस्सा बने रहें। राकांपा (एसपी) की कार्यकारी अध्यक्ष और बारामती से सांसद सुप्रिया सुले ने भुसे को एक पत्र लिखकर सीबीएसई को अपनाने पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह बहुत दुखद है कि राज्य एसएससी की जगह सीबीएसई बोर्ड को अपना रहा है। उन्होंने दावा किया कि सरकार का यह कदम मराठी भाषा और संस्कृति के लिए हानिकारक है।
बता दें कि सीबीएसई पैटर्न को शैक्षणिक वर्ष 2025-2026 से लागू किया जाएगा और सरकार ने राज्य में छात्रों की गुणवत्ता में सुधार के उद्देश्य से यह निर्णय लिया है। उन्होंने यह ऐलान संचालन समिति द्वारा स्कूल शिक्षा विभाग के संबंध में राज्य पाठ्यक्रम रूपरेखा को मंजूरी देने के बाद किया है। बता दें कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अगले 100 दिनों के लिए स्कूल शिक्षा विभाग सहित सभी विभागों के काम की समीक्षा भी की थी।
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सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई अपनी प्रतिक्रिया में सुप्रिया सुले ने लिखा कि महाराष्ट्र विधानसभा सत्र में शिक्षा मंत्री ने राज्य में सीबीएसई पैटर्न लागू करने की घोषणा की है। राज्य की शैक्षिक परंपरा बहुत उज्ज्वल है। लेकिन यह बहुत खेदजनक है कि सरकार ने इसे नजरअंदाज कर अन्य बोर्डों के उदाहरण का अनुसरण करने का निर्णय लिया है। ऐसा लगता है कि इस सरकार ने इसके जरिए राज्य के एसएससी बोर्ड को पूरी तरह से बंद करने की योजना बना ली है। मुझे संदेह है कि क्या यह निर्णय हमारे महाराष्ट्र की पहचान को मिटा देगा, जिसमें संतों, सुधारकों और शिक्षा की उज्ज्वल परंपरा है। यह निर्णय शास्त्रीय भाषा मराठी, संस्कृति और परंपरा के लिए हानिकारक होगा। सुप्रिया सुले ने राज्य सरकार से इस निर्णय पर पुनर्विचार करने का अनुरोध भी किया है।
कांग्रेस नेता नितिन राउत ने कहा कि हमें महाराष्ट्र में नेशनल एजुकेशन पॉलिसी मंजूर नहीं है। सरकार एनईपी के जरिए इतिहास को बदलने और छिपाने की कोशिश कर रही है। शिवाजी महाराज के शौर्य को बताने के लिए मुगलों के बारे में बताना ही पड़ेगा। वहीं बीजेपी के प्रसाद लाड ने पलटवार करते हुए कहा कि हम मुगलों का इतिहास नहीं पढ़ाएंगे। मुस्लिम सुल्तान, शहंशाह का इतिहास पढ़ाने की जरूरत नहीं है। हम महाराष्ट्र के बच्चों को भारत का इतिहास पढ़ाएंगे।