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मुंबई : महान विचारक महात्मा ज्योतिराव गोविंदराव फुले (Jyotirao Govindrao Phule) का आज पुण्यतिथि है। पुणे में आज ही के दिन यानी 28 नवंबर 1890 को उनकी मृत्यु हुई थी। सभी के लिए शिक्षा के प्रबल समर्थक और महिलाओं व वंचित वर्गों के उत्थान के लिए सदैव समर्पित रहने वाले महात्मा ज्योतिबा फुले जी की पुण्यतिथि पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंत्रालय के मुख्य द्वार पर महात्मा ज्योतिबा फुले की पेंटिंग का उद्घाटन किया है।
समाजसुधारक
आपको बता दें कि महात्मा जोतिराव गोविंदराव फुले एक भारतीय समाजसुधारक, समाज प्रबोधक, विचारक, समाजसेवी और लेखक के साथ साथ दार्शनिक तथा क्रान्तिकारी कार्यकर्ता थे। इनको महात्मा फुले एवं ‘जोतिबा फुले’ के नाम से भी जाना जाता है। इतना ही नहीं बल्कि सितंबर 1873 में इन्होने महाराष्ट्र में सत्य शोधक समाज नामक संस्था का गठन भी किया था।
शिक्षा का अधिकार
गौरतलब है कि उन्होंने महिलाओं को कई मामले में अधिकार दिलाने में उनका काफी योगदान है। महिलाओं को शिक्षा का अधिकार प्रदान करवाने के लिए काफी प्रयास किया। क्योंकि 19वीं सदी में स्त्रियों की शिक्षा को महत्वहीन समझा जाता था। इसके अलावा उन्होंने बाल विवाह का भी बहुत विरोध किया और विधवा विवाह को भी समाज में स्वीकार्य बनाने के लिए प्रयास किया।
मुंबई (महाराष्ट्र): मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंत्रालय के मुख्य द्वार पर महात्मा ज्योतिबा फुले की पेंटिंग का उद्घाटन किया। pic.twitter.com/vfq3TbksX0 — ANI_HindiNews (@AHindinews) November 28, 2022
ज्योतिराव फुले का जन्म
इनके द्वारा किए गए कामों की चर्चा आज भी की जाती है। ज्योतिराव फुले का जन्म पुणे में माली जाति के परिवार में 11 अप्रैल साल 1827 में हुआ था। वे महात्मा फुले और ज्योतिबा फुले के नाम से ज्यादा जाने जाते थे। बता दें कि उनका परिवार पुणे में माली का काम करता था। उन्होंने वंचित वर्ग को सशक्त बनाने के लिए संघर्ष किया और इसके लिए उन्हें अपने देश और स्थानीय लोगों के अलावा अंग्रेजी शासन से भी टकराना पड़ा था।