कांग्रेस का सनसनीखेज खुलासा (सौजन्य-नवभारत)
Chandrapur News: चंद्रपुर जिले के घुग्घुस संभाग में आगामी नगर परिषद चुनाव से पहले, घुग्घुस में मतदाता सूची मैं गड़बड़ी को लेकर राजनीतिक सरगमों बढ़ गई है। कांग्रेस ने एक सनसनीखेज खुलासा किया है, जिसके अनुसार एक ही व्यक्ति का नाम मतदाता सूची में तीन अलग-अलग पहचान पत्रों (आईडी) के साथ दर्ज है। इस खुलासे ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
एक साल पहले, कांग्रेस के जिला अध्यक्ष सुभाष धोटे और किसान नेता वामनराव चटप ने राजुरा में मतदाता पंजीकरण घोटाले का पर्दाफाश किया था, जिसके बाद प्रशासन को संबंधितों के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए मजबूर होना पड़ा था। हाल ही में घुग्घुस में एक ही घर में 200 मतदाताओं के रहने का मामला सामने आया था, लेकिन प्रशासन ने दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं की।
कांग्रेस के स्थानीय नेता राजू रेड्डी ने नए मामले को उजागर किया है और प्रशासन से गहन जांच की मांग की है। कांग्रेस का आरोप है कि इस तरह की धांधली से चुनाव की निष्पक्षता खतरे में है। घुग्घुस कांग्रेस के अध्यक्ष राजू रेड्डी ने बताया कि प्रभाग क्रमांक 3 की मतदाता सूची में ‘सुई केतन रंजन’ नाम के एक ही व्यक्ति का नाम तीन अलग-अलग आईडी नंबरों और उसी तस्वीर के साथ दर्ज है। यह सिर्फ एक ही मामला नहीं है, बल्कि इसी तरह 18 साल की एक युवती का नाम भी तीन अलग-अलग आईडी नंबरों के साथ दर्ज है। रेड्डी ने इसे ‘वोट चोरी’ का एक संगठित प्रयास कहा है।
मामला उजागर होने पर सोमवार, 13 अक्टूबर को कई नागरिकों ने नगर परिषद कार्यालय में आपत्तियां दर्ज कराई। आपत्तियों की संख्या अधिक होने के कारण, आपत्ति दर्ज कराने की अंतिम तिथि 13 अक्टूबर से बढ़ाकर 17 अक्टूबर कर दी गई है। नगर परिषद के मुख्य अधिकारी नीलेश रंजनकर ने कहा कि यदि किसी व्यक्ति को मतदाता सूची में कोई आपत्ति है, तो वे लिखित शिकायत दे सकते हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि फर्जी नाम हटा दिए जाएंगे। हालांकि, कांग्रेस का आरोप है कि यह सिर्फ एक ‘तकनीकी गलती’ नहीं है, बल्कि एक गहरी साजिश है।
यह भी पढ़ें – जीत हत्याकांड: चनकापुर में चला बुलडोजर, ‘योगी पैटर्न’ पर कार्रवाई, मिट्टी में मिले गुंडों के ठिकाने
कांग्रेस ने मुख्य जिला निर्वाचन अधिकारी को पत्र भेजकर पूरी मतदाता सूची की नए सिरे से गहन जांच करने और उसे ‘दोषमुक्त’ बनाने की मांग की है। कांग्रेस का आरोप है कि केवल नाम हटाने से घोटाले के मास्टरमाइंड को बढ़ावा मिलेगा। लोगों का मानना है कि जब तक दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं होती, तब तक ऐसी घटनाओं को बढ़ावा मिलता रहेगा। इस घटना ने घुग्घुस की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है और यह देखना बाकी है कि प्रशासन इस पर क्या कदम उठाता है।