चंद्रपुर पहुंचे एसआईटी के सदस्य (फोटो नवभारत)
चंद्रपुर: महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले में शराबबंदी हटाए जाने के बाद धड़ल्ले से बांटें गए शराब बिक्री के लाइसेंस और इस आवंटन में हुई कथित धांधलियों, अनियमितताओं तथा आर्थिक लेनदेन की जांच के लिए यहां पहुंची विशेष जांच टीम (SIT) के पास शिकायतों की बाढ़ सी आ गयी है। सोमवार 7 अप्रैल को यह टीम जिले में दाखिल हुई थी, इस टीम ने जिले में शराब बिक्री के लाइसेंस वितरण में हुई धांधलियों की वस्तुस्थिति जानने की कोशिश की।
टीम ने लाइसेंस आवंटन में हुई गड़बड़ियों की शिकायतें करने के लिए 7 और 8 अप्रैल का समय निश्चित किया था। उक्त दो दिनों में एसआईटी टीम के सामने कुल 42 शिकायतें प्राप्त हुई है। सोमवार को देर शाम तक कुल 17 शिकायतें टीम के समक्ष पेश हुई थी।
उल्लेखनीय है कि, वर्ष 2015 को जिले में महायुति सरकार ने शराबबंदी लागू की थी। राज्य में सत्तान्तरण के बाद महाविकास अघाड़ी सरकार ने 2021 को जिले से शराबबंदी हटाने का निर्णय लिया था। यह शराबबंदी हटने के बाद शराब बिक्री, परमिट रूम तथा बियर शॉपी के लाइसेंस देने में बड़ी मात्रा में धोखाधड़ी, अनियमितता और रिश्वतखोरी होने की शिकायतें सामने आ रही थी। यह लाइसेंस वितरित करते समय नियमों की अनदेखी किये जाने की बातें भी आगे आ रही थी।
इस बीच पिछले वर्ष मई माह में एक बार के लाइसेंस को मंजूर करने के लिए रिश्वत मांगने के आरोप में आबकारी विभाग के जिला अधीक्षक संजय पाटिल समेत इस विभाग के 3 वरिष्ठ अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया था। तबसे जिले में आबकारी विभाग में लाइसेंस वितरण में हो रही कथित धांधलियों और अनियमितता की खुलेआम चर्चा होने लगी थी।
जब यह मामला विधानसभा सत्र में भी गुंजा तब राज्य सरकार ने जिले में आबकारी विभाग को लेकर प्राप्त हो रही शिकायतों की जांच के लिए भ्रष्टाचार प्रतिबंधक विभाग के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त संदीप दीवान की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन किया था।
बताया जाता है कि, पिछले 2 दिनों की जांच के दौरान इस जांच दल के सामने कई शिकायतों के साथ ही आबकारी विभाग में चल रही अनियमितताओं का खुलासा हुआ है। दो दिनों का अपना तय कामकाज निपटाकर इस समिति के वरिष्ठ अधिकारी सदस्य मंगलवार शाम को यहां से रवाना हुए है।
इस टीम के साथ यहां आए 2 कनिष्ठ कर्मी अब जांच के लिए आवश्यक सभी सरकारी दस्तावेज, लाइसेंस ऐंठन संबंधी कागजात, फाइलें और बयान लेकर कल मुंबई रवाना हो रहे है। जहां वे उक्त कागजातों का अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट सरकार को पेश करेगी।
एसआईटी प्रमुख दीवान द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार पहले दिन बयान रहित कुल 14 शिकायतें प्राप्त हुईं थी, दूसरे दिन यहां का कामकाज समाप्त किये जाने तक यह संख्या 42 हो गयी थी। एक शिकायत पठानपुरा मार्ग पर स्थित पिंक पैराडाईज बार की भी हुई है, जिसमें हाल ही में एक पुलिसकर्मी की हत्या हुई थी।
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शिकायतों में मुख्य रूप से एक व्यक्ति के नाम का लाइसेंस किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर जारी करना, लाइसेंस देते समय शिक्षा संस्थान या प्रार्थना स्थल से निर्धारित दूरी का ध्यान नहीं रखा जाना, लाइसेंस जारी करने के लिए रुपयों की मांग करना जैसी शिकायतों का समावेश है।
एसआईटी टीम में कुल पांच अधिकारी शामिल हैं। भ्रष्टाचार निरोधक विभाग के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त संदीप दीवान की अध्यक्षता में बनी इस टीम में भ्रष्टाचार निरोधक विभाग, नागपुर के पुलिस अधीक्षक डॉ. दिगंबर प्रधान, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजय पुरंदरे, दो स्थानीय पुलिस अधिकारी और सहायता के लिए दो पुलिस कर्मियों का समावेश है।