
कांद्री-देऊलगांव का पुल बना मौत का जाल (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Bhandara News: मोहाडी तहसील के कांद्री गांव से देऊलगांव, पिटेसूर और आसपास के अन्य गांवों को जोड़ने वाला पुल अब मौत का जाल बनता जा रहा है। सालों पुराना यह पुल इतनी बुरी तरह जर्जर हो चुका है कि इस पर से गुजरना अब खतरे से खाली नहीं है। पुल के बीचोंबीच बड़े गड्ढे बन चुके हैं और जगह-जगह लोहे की सलाखें बाहर निकली हुई हैं। इस वजह से राहगीरों और वाहन चालकों को हर पल दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि पुल की हालत इतनी खराब है कि न सिर्फ वाहन चलाना बल्कि पैदल चलना भी जान जोखिम में डालने जैसा हो गया है। बरसात के मौसम में पुल की कम ऊंचाई के कारण उस पर से पानी बहने लगता है, जिससे स्थिति और भी खतरनाक हो जाती है।
कांद्री, देऊलगांव, पिटेसूर और आलेसूर के नागरिकों के लिए यह पुल जीवनरेखा है, लेकिन अब यही रास्ता खतरा बन चुका है। ग्रामीणों ने बताया कि कई बार वाहनों के टायर फट चुके हैं, लोग गिरकर घायल हुए हैं, फिर भी प्रशासन की नींद नहीं टूटी।
हर दिन किसान, विद्यार्थी और आम नागरिक इसी पुल से आवाजाही करते हैं। खेतों से धान, सब्जियां और पशुधन भी इसी मार्ग से लाए-लेजाए जाते हैं। लोगों का सवाल है “जान हथेली पर लेकर आखिर कब तक चलना पड़ेगा?”
ग्रामीणों ने पुल की मरम्मत या नए निर्माण की मांग कई बार की है, लेकिन अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। न मरम्मत, न नया पुल सिर्फ फाइलों में वादे और जमीनी हकीकत में सन्नाटा यही इस पुल की वर्तमान स्थिति है।
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ग्रामीणों का तीखा सवाल है कि “क्या प्रशासन किसी बड़ी दुर्घटना के बाद ही जागेगा?” प्रशासन की यह लापरवाही न केवल चिंता का विषय है, बल्कि कभी भी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है।






