
गोलीबारी के बाद हाजी सरवर को अस्पताल ले जाते लोग व समर्थकों की भीड़
चंद्रपुर: शहर के भीड़भाड़ वाले क्षेत्र बिनबा गेट परिसर की एक रेस्टोरेंट में अज्ञात आरोपियों की ओर से की गई अंधाधुंध फायरिंग में जिले के कुख्यात आरोपी हाजी सरवर शेख की मौत हो गई। इस घटना से शहर में सनसनी फैल गई और तनाव की स्थिति निर्माण हुई। इस मामले में पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए 5 संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया है। यह हमला सोमवार को दोपहर करीब 4 बजे हुआ। हमले के वक्त हाजी सरवर अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर बिनबा गेट परिसर के शाही दरबार रेस्टोरेंट में खाना खा रहा था।
हाजी सरवर जब शाही दरबार रेस्टोरेंट में खाना खा रहा था तभी अचानक कुछ हमलावर रेस्टोरेंट में घुस आए। उन्होंने हाजी सरवर शेख पर हमला बोल दिया और चाकू से वार किए। इस बीच एक हमलावर ने रिवाल्वर निकाल कर हाजी सरवर पर फायरिंग शुरू कर दी। हाजी के सीने में गोलियां लगी। इसके अलावा हाजी के एक साथी को पैर में गोली लगी। हमलावर हाजी सरवर को खून से लथपथ अवस्था में छोड़कर घटनास्थल से फरार हो गए। हमलावरों ने पूर्वनियोजित ढंग से घटना को अंजाम दिया। हाजी पर बारीकी से नजर रखे हुए थे। हथियारों से लैस चार से पांच हमलावर रेस्टॉरेंट में थे। जबकि रेस्टोरेंट के बाहर भी चार से पांच कारों में दबिश बनाए हुए थे।
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फायरिंग के बाद हाजी को खून से लथपथ अवस्था में उसके अन्य साथियों ने एक कार से जिला अस्पताल में पहुंचाया, जहां उपचार के दौरान हाजी की मौत हो गई। इस घटना की खबर शहर में तेजी से फैल गई और देखते ही देखते जिला अस्पताल के सामने हाजी के समर्थकों और रिश्तेदारों की भीड़ इकट्ठा हो गई। अस्पताल परिसर में तनाव की स्थिति रही। अस्पताल परिसर में पुलिस बंदोबस्त लगाया गया था। क्रोधित परिजनों तथा समर्थकों की भीड़ पर नियंत्रण करने पुलिस कर्मियों को काफी मशक्कत करनी पड़ी। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।
हमले में मृत हाजी सरवर शेख घुग्घुस निवासी है। वह एक हत्या के संगीन मामले में पिछले दिनों कारगार में विचाराधीन कैदी के रूप में बंद था। वह जमानत पर बाहर आया था। मृतक हाजी कांग्रेस का कार्यकर्ता भी था।वह नकोड़ा में सरपंच भी रह चुका है। जिला कांग्रेस के एक गुट के नेताओं से हाजी की घनिष्ठता थी। उसके खिलाफ विभिन्न थानों में दो दर्जन से अधिक मामले दर्ज थे।
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नक्सलियों को हथियार सप्लाई करने के संगीन आरोप में हाजी सरवर शेख के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत मामला दर्ज हुआ था। इस मामले में हाजी सरवर शेख को गिरफ्तार कर उसे जेल भेज दिया गया था। जून 2012 में घुग्घुस में राष्ट्रवादी कांग्रेस के कार्यकर्ता तथा ट्रांसपोर्ट व्यवसायी तिरुपति पोल की हत्या के मामले में भी हाजी सरवर शेख मुख्य आरोपी था।






