
CSR का फंड लिया फिर भी नहीं बांटी सिलाई मशीनें (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Chandrapur CSR scam: अनुसार चंद्रपुर वेकोलि ने ग्राम पंचायत को 50 सिलाई मशीनें दी थी। परंतु यह मशीने लाभार्थियों को बांटी ही नहीं गई। इस खुलासे से हड़कंप मच गया है। इतना ही नहीं ऐसी कोई सिलाई मशीनें भी ग्रामपंचायत को मिली इसका आधिकारिक दस्तावेज ही ग्राम पंचायत में अब मौजूद न होने की बात स्वयं ग्राम पंचायत की सचिव ने कही है। जिससे सिलाई मशीन वितरण में बड़ी धांधली की संभावना जतायी जा रही है।
हालांकि अब तक इसपर किसी ने कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। संतप्त लोगों ने इसपर ग्राम पंचायत प्रशासन की जमकर खिंचाई की है। आरटीआई के तहत सामाजिक कार्यकर्ता संजय शिंदे का कहना है कि सीएसआर गतिविधि के अंतर्गत पहले सरपंच व्दारा वेकोलि से लिखित मांग की जाती है। योग्य लाभार्थियों का चयन होता है। उसके अनुसार मांग मंजूर होती है। ऐसे में जब वेकोलि ने दुर्गापुर ग्रामपंचायत को मशीनें दी तो इस संबंध में एक भी दस्तावेज ग्राम पंचायत में मौजूद कैसे नहीं है।
ऐसा सवाल आरटीआई कार्यकर्ता संजय शिंदे ने उठाया है। ग्राम पंचायत की सचिव वेस्कडे को इतनी बडी बात मालूम नहीं कि वह जिम्मेदारी से पल्ला झाड रही है। इन बातों को लेकर लोगों में आश्चर्य है। लाभार्थियों को भी आश्चर्य है कि अगस्त में प्रस्तावित सिलाई मशीन वितरण कार्यक्रम आखिर हुआ कहां। बहरहाल इसपर अब वेकोलि की ओर से क्या रुख अपनाया जाता है इस ओर लोगों की नजरे लगी है।
दरअसल यह पूरा मामला दो अलग अलग आरटीआई से स्पष्ट हुआ है। पहली आरटीआई ग्राम पंचायत में लगाई गई थी। जिसमें पूछा गया था कि अगस्त 2025 में सीएसआर अंतर्गत प्रशिक्षित महिलाओं को सिलाई मशीन बांटी जानी थी, क्या उसका वितरण हुआ है।
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इसपर ग्राम पंचायत की सचिव वेस्कडे ने लिखित रुप में कहा है कि सिलाई मशीन वितरण के बारे में कोई जानकारी ग्राम पंचायत के दस्तावेजों में उपलब्ध नही है। इसी परिप्रेक्ष्य में जब वेकोलि को आरटीआई के माध्यम से यही पूछा गया तो चंद्रपुर क्षेत्र वेकोलि के महाप्रबंधक ने सन 2022 से 25 दौरान दुर्गापुर ग्राम पंचायत को सिलाई मशिनें दिये जाने का खुलासा किया। वेकोलि ने आरटीआई के जवाब में स्पष्ट लिखा है कि दुर्गापुर ग्राम पंचायत को 50 सिलाई मशीन दी गई थी।






