बच्चू कडू का फडणवीस को करारा जवाब (सौजन्यः सोशल मीडिया)
अमरावती: महाराष्ट्र में प्रस्तावित शक्तिपीठ महामार्ग परियोजना को लेकर राज्य की राजनीति में उबाल आ गया है। सरकार ने इस महामार्ग के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से 20 हजार करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया है और इसे जल्द शुरू करने की तैयारी में है। मगर इसके खिलाफ किसानों और विपक्षी दलों ने मोर्चा खोल दिया है। शक्तिपीठ महामार्ग संघर्ष समिति के नेतृत्व में राज्य के विभिन्न जिलों में जोरदार आंदोलन चल रहे हैं।
हालांकि कल यह आंदोलन स्थगित कर दिया था बावजूद आंदोलन खत्म नहीं हुआ है। किसान संगठन और स्थानीय ग्रामीण बड़ी संख्या में सड़कों पर उतर आए हैं। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि इस परियोजना से उनकी उपजाऊ जमीन छिन जाएगी और उनकी आजीविका पर संकट आ जाएगा। इसी पृष्ठभूमि में प्रहार जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष और विधायक बच्चू कडू ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर जमकर निशाना साधा।
बच्चू कडू ने कहा कि महामार्ग बनाने से पहले असली शक्तिपीठ को जागृत करो। यह काली धरती ही हमारा असली शक्तिपीठ है, जो हमें अन्न देती है। जो किसान इसके लिए दिन-रात मेहनत करता है, उसके लिए न्याय का महामार्ग खोलना सरकार का पहला कर्तव्य होना चाहिए।
कडू ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि 85 हजार करोड़ रुपये का महामार्ग हमने नहीं मांगा। इसे जबरन हम पर न थोपा जाए। सरकार कर्जमाफी जैसे जरूरी मुद्दों को टालकर सिर्फ कुछ ठेकेदारों और चुनिंदा लोगों की जेबें भरने में लगी है। पहले उस जमीन की रक्षा करो जो हमें पालती है।
यही असली शक्तिपीठ है। हम इस परियोजना के विरोध में लड़ रहे हर संगठन का समर्थन करते हैं। राज्य में विपक्ष ने भी इस परियोजना का कड़ा विरोध किया है। विपक्षी नेताओं का कहना है कि यह योजना किसानों की उपजाऊ जमीन छीनने वाली और उनका भविष्य अंधकारमय करने वाली है। उनका आरोप है कि सरकार ने किसानों से बिना संवाद किए और उनकी जरूरतों को अनदेखा कर यह महंगी परियोजना जबरन थोपने की कोशिश की है।
खास बात यह है कि इस शक्तिपीठ महामार्ग के कारण 12 जिलों के 363 गांव सीधे प्रभावित होंगे। हजारों किसानों की जमीन इसके दायरे में आएगी, जिससे उनका विस्थापन और आजीविका का संकट पैदा होगा। किसानों ने इस परियोजना को अपनी जिंदगी और भविष्य के लिए खतरा बताया है। इसी मुद्दे पर स्वाभिमानी किसान संगठन के अध्यक्ष राजू शेट्टी ने भी सरकार पर तीखा हमला बोला।
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उन्होंने कहा, “86 हजार करोड़ रुपये का बोझ महाराष्ट्र की जनता पर डालने वाला यह शक्तिपीठ महामार्ग दरअसल रत्नागिरी–नागपुर महामार्ग के समानांतर ही है। दोनों मार्गों के बीच न्यूनतम दूरी सिर्फ 2 किलोमीटर और अधिकतम 30 किलोमीटर है। अगर भविष्य में ट्रैफिक बढ़ता है तो मौजूदा महामार्ग को ही छह या आठ लेन का बनाया जा सकता है। फिर भी नए महामार्ग पर इतना खर्च क्यों? क्या सिर्फ 50 हजार करोड़ रुपये का घोटाला करने के लिए?”
राजू शेट्टी ने कहा कि सरकार को किसानों की समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब राज्य के किसानों पर कर्ज का बोझ है, आत्महत्याएं हो रही हैं, तब ऐसी महंगी और अनावश्यक योजना क्यों लाई जा रही है? पहले किसानों की कर्जमाफी कीजिए, उनकी उपज का उचित मूल्य दीजिए, सिंचाई सुविधा दीजिए। लेकिन सरकार की प्राथमिकता ठेकेदारों की जेब भरने में है। वर्तमान में राज्य सरकार और विपक्ष के बीच इस मुद्दे पर जबरदस्त टकराव चल रहा है।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उनकी सरकार इस परियोजना को विकास का प्रतीक बता रही है, जबकि विपक्ष इसे किसानों के खिलाफ साजिश करार दे रहा है। आंदोलन तेज होने के बाद अब यह मुद्दा महाराष्ट्र की राजनीति का बड़ा सवाल बन गया है। बच्चू कडू ने साफ कहा है कि उनकी पार्टी इस परियोजना का विरोध कर रहे सभी आंदोलनों और किसान संगठनों के साथ खड़ी है और सरकार पर दबाव बनाने के लिए हर मंच पर आवाज उठाएगी।