
भंडारा न.प. टिकट के लिए अभी से संघर्ष (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Bhandara News: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब यह तय हो गया है कि नगर परिषद चुनाव जल्द ही होने वाले हैं। नगराध्यक्ष पद और वार्डवार आरक्षण की घोषणा के साथ ही चुनावी हलचल तेज हो गई है। आरक्षण तय होते ही अब तक शांत बैठे इच्छुक उम्मीदवार सक्रिय हो गए हैं और हर कोई पार्टी टिकट पाने की दौड़ में जुट गया है।भंडारा नगर परिषद में इस बार 35 वार्डों के लिए चुनाव होंगे, जिनमें 35 सदस्य और एक नगराध्यक्ष सीधे जनता के वोटों से चुने जाएंगे। नगराध्यक्ष पद इस बार अनारक्षित (महिला) वर्ग के लिए आरक्षित किया गया है।
आरक्षण घोषित होने के बाद अब चुनावी समीकरण साफ दिखने लगे हैं। अब तक जो नेता पर्दे के पीछे तैयारी कर रहे थे, वे अब पोस्टर, होर्डिंग और सोशल मीडिया के ज़रिए खुलकर मैदान में उतर आए हैं। दिवाली के अवसर पर जगह-जगह लगे बैनर और शुभकामनाओं के पोस्टर से नेताओं की सक्रियता झलकने लगी है। हर राजनीतिक दल में एक ही टिकट के लिए दो से तीन दावेदार सामने आए हैं। आने वाले दिनों में यह संख्या और बढ़ने की संभावना है।
ऐसे में किसी एक उम्मीदवार को टिकट देने पर बाकी नेताओं की नाराजगी तय है। पार्टी में असंतोष और बगावत की आशंका को देखते हुए सभी दलों के सामने टिकट वितरण एक बड़ी चुनौती बन गया है।पिछले कुछ महीनों से उम्मीदवारों ने त्यौहारों को प्रचार का जरिया बना लिया है। दिवाली के बाद अब ‘दिवाली मिलन’ कार्यक्रमों का दौर शुरू हो गया है। उम्मीदवार इन आयोजनों के माध्यम से मतदाताओं से सीधा संवाद साध रहे हैं। साथ ही, कई प्रत्याशी फोन कॉल के जरिए भी व्यक्तिगत संपर्क बना रहे हैं, जो जनता को अधिक आत्मीय लग रहा है।
नगराध्यक्ष पद के लिए इस बार पुराने अनुभवी नेताओं के साथ नए चेहरों की एंट्री ने मुकाबले को रोचक बना दिया है। कुछ उम्मीदवारों ने आरक्षण स्पष्ट होते ही तैयारी शुरू की, जबकि कुछ पिछले कार्यकाल की समाप्ति से ही सक्रिय हैं। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि पार्टी पुराने वफादारों को मौका देती है या नए चेहरे को आगे बढ़ाती है।
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नगराध्यक्ष पद के संभावित नाम अब सामने आने लगे हैं। लेकिन टिकट किसे मिलेगा, यह सवाल अभी भी अनसुलझा है। इस बीच खबरें हैं कि कुछ नेता लगभग फाइनल है।सदस्य पद के लिए सबसे अधिक दावेदारी है।नगर सेवक बनने इच्छुक लंबे समय से तैयारी कर रहे हैं। टिकट न मिलने पर दल बदलने और दूसरे राजनीतिक दल से चुनाव लड़ने की भी अनेकों ने तैयारी कर रखी हैं।भंडारा नगर परिषद चुनाव अब केवल जनता की पसंद का नहीं, बल्कि पार्टी की एकजुटता और रणनीतिक संतुलन की बड़ी परीक्षा साबित होने जा रहा है।






