भाई दूज पर गोला क्यों दिया जाता है?(सौ.सोशल मीडिया)
Bhai Dooj 2025: दीपावली के साथ ही सप्ताह भर के पर्व-त्योहार शुरू हो जाते हैं। दिवाली के बाद गोवर्धन पूजा होती है और फिर आता है भाई दूज का त्योहार। भाई-बहन के प्रेम का त्योहार भाई दूज हर साल की तरह इस बार भी बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाएगा।
आपको बता दें, रक्षाबंधन की तरह ही भाई दूज भी भाई-बहन के प्रेम का त्योहार है। शास्त्रों के अनुसार,भाई दूज के दिन भाई को तिलक करने और नारियल देने की भी विशेष परंपरा है। ऐसे में आइए जान लेते है भाई दूज पर गोला क्यों दिया जाता है?
शास्त्रों के अनुसार, भाई दूज पर बहनें अपने भाइयों को नारियल देती हैं, जो कि उनके अच्छे स्वास्थ्य और भाई-बहन के बीच अटूट प्रेम का प्रतीक है। इस दिन बहनें भाइयों को तिलक लगाकर और नारियल देकर उनकी लंबी उम्र की कामना करती है। इसके अलावा, भाई अपनी बहन को उपहार, जैसे मिठाई, कपड़े या गहने भी देते है।
ऐसी मान्यता है कि, भाई दूज पर बहनों द्वारा नारियल का गोला देने से भाई की आयु लंबी होती है और उसे अधिक समृद्धि मिलती है। साथ ही, यह प्रतीक है कि बहन अपने भाई के अच्छे स्वास्थ्य और हर तरह की बुरी शक्तियों से उसकी रक्षा के लिए कामना कर रही है।
शास्त्रों में कहा गया है कि भाई दूज के दिन नारियल देने से भाई के जीवन में बुरी शक्तियों का प्रभाव समाप्त होता है। यह एक तरह से रक्षा कवच का काम करता है। इस दिन तिलक लगाने और नारियल देने से भाई के जीवन में सौभाग्य और दीर्घायु बनी रहती है।
आज के समय में भले ही त्योहार मनाने के तरीके बदल गए हों, लेकिन भाई दूज का यह नारियल गोला देने का रिवाज आज भी रिश्तों की मिठास और परंपरा की पवित्रता को बनाए रखता है। यह सिर्फ एक रस्म नहीं, बल्कि प्रेम और शुभकामना का प्रतीक है।
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धार्मिक मान्यता के अनुसार, भाई दूज पर बहनें भाइयों को नारियल (गोला) इसलिए देती हैं क्योंकि यह लंबी उम्र, अच्छे स्वास्थ्य और भाई-बहन के प्रेम को बनाए रखने का प्रतीक माना जाता है। नारियल देने की यह परंपरा यमराज और उनकी बहन यमुना की कथा से जुड़ी है।