शिक्षक भर्ती बंदी में नियुक्तियों की SIT जांच हो। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
भंडारा: मुख्याध्यापकों को शैक्षिक कानून की जानकारी होनी चाहिए। नए सैट मान्यता के कारण शिक्षा क्षेत्र में हाहाकार मच गया है। इससे मराठी स्कूलें बिना शिक्षकों वाली बन गई हैं। ग्रामीण क्षेत्रों की स्कूलों को बंद करने का षड्यंत्र सरकार रच रही है।
भ्रष्ट अधिकारियों ने सरकारी निधि का दुरुपयोग किया है। विद्यालय विभाग में हुई अनियमितताओं में शामिल व्यक्तियों को सजा मिलना चाहिए। अगर गलत हो रहा है तो शिक्षकों को इसका विरोध करना चाहिए। जब शिक्षक भर्ती बंद है, तब भी अवैध रूप से नियुक्तियाँ की गईं। इन प्रकरणों की एसआईटी से जांच कराने की मांग शिक्षक विधायक सुधाकर अडबाले ने की।
भंडारा जिला मुख्याध्यापक संघ की ओर से डिफेन्स सर्विसेस अकैडमी, शहापुर में मुख्याध्यापकों के लिए शैक्षणिक कानून संबंधी कार्यशाला आयोजित की गई। इसका उद्घाटन विधायक सुधाकर अडबाले ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विदर्भ माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों के मुख्याध्यापक संघ के अध्यक्ष सतीश जगताप ने की। मंच पर डिफेन्स सर्विसेस अकैडमी के संचालक नरेंद्र पालांदुरकर, राज्य मुख्याध्यापक संघ के मारोती खेडीकर, माध्यमिक शिक्षाधिकारी मंगला गोतारने, प्राथमिक शिक्षाधिकारी रविंद्र सोनटक्के, विधिज्ञ विजय देशपांडे, विधिज्ञ केशव पाटिल, मुख्याध्यापक संघ अध्यक्ष राजकुमार बालपांडे, सचिव राजू बांते उपस्थित थे।
विधायक अडबाले ने कहा कि मुख्याध्यापकों को विद्यार्थी केंद्र में रखकर काम करना चाहिए। आज भी शिक्षकों को अशैक्षिक कार्यों में उलझाया जा रहा है। विद्यार्थियों को गुणवत्तापर शिक्षा देने के लिए शिक्षकों को पढ़ाने का अवसर मिलना चाहिए। साथ ही 15 मार्च 2024 की मान्यता जीआर रद्द की जानी चाहिए, इस पर वे मानसून सत्र में मांग उठाएंगे। डिफेन्स सर्विसेस अकैडमी के संचालक नरेंद्र पालांदुरकर ने कहा कि विद्यार्थियों को गढ़ने की क्षमता शिक्षकों में है। माध्यमिक शिक्षाधिकारी मंगला गोतारने ने कहा कि शिक्षक यदि नियम से काम करें तो कोई परेशानी नहीं होगी।
प्राथमिक शिक्षाधिकारी रविंद्र सोनटक्के ने कहा कि शैक्षिक कानूनों की कार्यशालाएं निरंतर होती रहनी चाहिए। दूसरे सत्र की अध्यक्षता पूर्व मुख्याध्यापक मनोहर मेश्राम ने की। प्रास्ताविक में राजकुमार बालपांडे ने मुख्याध्यापकों को शैक्षणिक कानूनों की जानकारी की आवश्यकता और वर्तमान परिस्थिति में संघर्ष की आवश्यकता को स्पष्ट किया। संचालन मंगेश बेहलपाडे ने किया। आभार सचिव राजू बांते, राधेश्याम धोटे और प्रमोद धार्मिक ने माना। विधिज्ञ व शैक्षिक विश्लेषक केशव पाटिल व विजय देशपांडे ने विभिन्न विषयों पर मार्गदर्शन दिया।
उद्घाटन समारोह से पहले डिफेन्स सर्विसेस अकैडमी, शहापुर के विद्यार्थियों ने म्यूजिकल ऑर्केस्ट्रा प्रस्तुत किया। मुख्याध्यापक संघ की उपाध्यक्ष रेखा भेंडारकर, विदर्भ माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष सुधाकर देशमुख, जिला कार्यवाह राजेश धुर्वे, विभागीय कार्यवाह चंद्रशेखर रहांगडाले, अनमोल देशपांडे, जी.एन. टिचकुले आदि उपस्थित थे।