
इलेक्ट्रिक वाहन (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Bhandara News: पिछले एक वर्ष में भंडारा जिले में कुल 1,296 ई-वाहनों की रजिस्ट्रेशन हुई है, जिनमें से सबसे अधिक दोपहिया वाहन 1,070 हैं। ई-वाहनों की लोकप्रियता का मुख्य कारण है, ईंधन खर्च में बचत, आसान रखरखाव और प्रदूषणमुक्त यात्रा। उप-क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) के अनुसार, बीते एक वर्ष में भंडारा जिले में कुल 1,296 ई-वाहनों का पंजीकरण हुआ है।
जिनमें दोपहिया 1,070, तीनपहिया 179, चारपहिया (एलएमवी) 41, छहपहिया (एलजीवी) 6 है। यानी, लोगों ने सबसे ज्यादा इलेक्ट्रिक स्कूटर और बाइक को प्राथमिकता दी है। बढ़ती ईंधन कीमतों के कारण पारंपरिक पेट्रोल-डीजल वाहनों की तुलना में ई-वाहन चलाना कहीं ज़्यादा सस्ता साबित हो रहा है।
ई-वाहनों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है, लेकिन जिले में चार्जिंग स्टेशनों का अभाव नागरिकों के लिए बड़ी समस्या बन गया है। भंडारा और साकोली नगरपालिकाओं ने मेरी वसुंधरा अभियान’ के तहत कुछ वर्ष पहले चार्जिंग स्टेशन शुरू किए थे, लेकिन अब वे कार्यरत नहीं हैं।
शहर और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में चार्जिंग सुविधा न होने से वाहनधारकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। नागरिकों का कहना है कि सरकार ई-वाहन को बढ़ावा तो दे रही है, लेकिन चार्जिंग ढांचा (इंफ्रास्ट्रक्चर) तैयार करने में प्रशासन पीछे है। यदि चार्जिंग स्टेशन बढ़ाए जाएं तो नागरिकों का भरोसा और उपयोग दोनों में वृद्धि होगी।
बीते कुछ वर्षों में इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग में जबरदस्त प्रगति हुई है। अब बाजार में इलेक्ट्रिक स्कूटर से लेकर कार तक के कई मॉडल उपलब्ध हैं। नई बैटरियों की कार्यक्षमता बढ़ने से अब एक बार चार्ज करने पर लंबी दूरी तय करना संभव हो गया है। कम रखरखाव, ईंधन खर्च में बचत और प्रदूषणमुक्त यात्रा यही तीन कारण हैं जिनसे लोग अब बड़े पैमाने पर ई-वाहनों की ओर आकर्षित हो रहे हैं।
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मैं पिछले छह महीनों से इलेक्ट्रिक दोपहिया का उपयोग कर रहा हूं। एक बार चार्ज करने पर लगभग 90 किमी चलता है। पहले पेट्रोल पर 1,500–1,800 रुपये महीना खर्च होता था, अब केवल 150 रुपये में काम हो जाता है। चार्जिंग स्टेशन की दिक्कत है, लेकिन फिर भी यह वाहन सुविधाजनक और पर्यावरण के लिए बेहतर है।
पिछले दो वर्षों में इलेक्ट्रिक दोपहियों की मांग दोगुनी हुई है। अब ग्रामीण क्षेत्रों से भी ग्राहक पूछताछ कर रहे हैं। अगर सरकार चार्जिंग स्टेशन बढ़ाए, तो बिक्री में और बड़ी वृद्धि होगी।
स्नेहदीप मेश्राम (विक्रेता)
ईंधन दरवृद्धि और प्रदूषण नियंत्रण के दृष्टिकोण से सरकार का लक्ष्य है कि नागरिक पर्यावरण-अनुकूल वाहनों को अपनाएं। जीएसटी घटने से ई-वाहनों की कीमतों में कमी आई है, जिसके चलते दसहरा और दिवाली सीजन में खरीदारी में वृद्धि देखी जा रही है।






