वायरल फीवर (सौ. सोशल मीडिया )
Chhatrapati Sambhaji Nagar News In Hindi: शहर व आसपास के इलाकों में पिछले कुछ दिनों से अचानक मौसम बदलने के कारण बुखार, सर्दी-खांसी व गले में दर्द जैसी बीमारियों का प्रकोप बढ़ गया है।
छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक कई लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं। इसी कारण अस्पतालों व निजी क्लीनिकों में मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। स्वास्थ्य विभाग व विशेषज्ञ डॉक्टरों ने नागरिकों से सावधानी बरतने की अपील की है।
इन मरीजों में ठंड लगना व बुखार आना, लगातार खांसी, गले में खराश व दर्द, आंखों में जलन, कमजोरी व बदन दर्द जैसे प्राथमिक लक्षण पाए जाते है। इससे बचाव के लिए भीड़-भाड से बचें, बाहर निकलते समय मास्क का इस्तेमाल करें, संतुलित आहार व पर्याप्त नींद लें, हाथ बार-बार धोएं, डॉक्टर की सलाह से ही दवा लें। डॉक्टरों के अनुसार इन लक्षणों को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। मरीजों को मेडिकल स्टोर से दवा लेकर स्वयं इलाज करने की बजाय अपने फैमिली फिजिशियन या किसी विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए। सही समय पर उपचार शुरू करने से 4 से 5 दिनों में लक्षणों में राहत मिल जाती है।
घाटी अस्पताल मेडिसिन विभाग के सहयोगी प्रोफेसर डॉ गजानन सुरवडे के अनुसार ‘इन दिनों धूप कम निकलने व मौसम में नमी होने के कारण वायरस तेजी से फैलते हैं। पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है व दूषित पानी व भोजन से संक्रमण बढ़ सकता है। उन्होंने सलाह दी है कि सड़क किनारे का खाना व असुरक्षित पानी लेने से बचें। हरी सब्जियां व मौसमी फल खाएं, नमक व तेल का सेवन कम करें। पर्याप्त नींद व संतुलित आहार से रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है।
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जनरल फिजिशियन डॉ मुकेश तलरेजा ने बताया कि जुकाम, बुखार व खांसी जैसे लक्षण दिखते ही घरेलू उपचार करने की बजाय डॉक्टर से सलाह लेना बेहद जरूरी है।एक व्यक्ति बीमार होने पर घर के बाकी सदस्यों में भी संक्रमण फैल सकता है। इसलिए पूरी तरह ठीक होने तक बाहर निकलने से बचें।