
पिता की कब्र पर पहुंचे तारिक रहमान, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
Bangladesh News In Hindi: बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के कार्यकारी अध्यक्ष तारिक रहमान गुरुवार को 17 साल बाद अपने वतन बांग्लादेश लौट आए। उनकी वापसी को देश की राजनीति में एक बड़े घटनाक्रम के तौर पर देखा जा रहा है। शुक्रवार को तारिक रहमान ने राजधानी ढाका स्थित जिया उद्यान पहुंचकर अपने पिता और बांग्लादेश के पूर्व राष्ट्रपति जियाउर रहमान की कब्र पर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने पुष्पांजलि अर्पित की और अपने पिता की आत्मा की शांति के लिए दुआ की।
श्रद्धांजलि कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे। तारिक रहमान लाल-हरे रंग की बुलेटप्रूफ बस में जिया उद्यान पहुंचे। इस दौरान बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (BGB), रैपिड एक्शन बटालियन (RAB), पुलिस और सेना के जवानों को तैनात किया गया था। सुरक्षा कारणों से मीडियाकर्मियों और पार्टी कार्यकर्ताओं को कब्रिस्तान और आसपास के क्षेत्रों में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई।
गौरतलब है कि जियाउर रहमान बांग्लादेश के प्रमुख सैन्य अधिकारियों में से एक थे। उन्होंने 1977 से 1981 तक बांग्लादेश के छठे राष्ट्रपति के रूप में देश का नेतृत्व किया। इससे पहले उन्होंने 1978 में लेफ्टिनेंट जनरल के पद से सेना से सेवानिवृत्ति ली थी। जियाउर रहमान बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के संस्थापक भी थे और देश की राजनीति में उनकी भूमिका बेहद अहम मानी जाती है।
30 मई 1981 को जियाउर रहमान की हत्या कर दी गई थी। उनकी हत्या उस समय हुई, जब वह चिटगांव के आधिकारिक दौरे पर थे और सर्किट हाउस में ठहरे हुए थे। यह घटना एक असफल सैन्य तख्तापलट की कोशिश के दौरान हुई थी, जिसने बांग्लादेश की राजनीति को गहरे संकट में डाल दिया था।
60 वर्षीय तारिक रहमान वर्ष 2008 से अपने परिवार के साथ लंदन में रह रहे थे। वह आखिरी बार वर्ष 2006 में अपने पिता की कब्र पर गए थे। लंबे समय तक विदेश में रहने के बाद उनकी वापसी को बीएनपी के लिए नई राजनीतिक ऊर्जा के तौर पर देखा जा रहा है।
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पार्टी सूत्रों के अनुसार, तारिक रहमान शनिवार को ढाका विश्वविद्यालय परिसर में उस्मान हादी की कब्र पर भी जाएंगे। इसके बाद वह औपचारिक रूप से अपने चुनावी अभियान की शुरुआत करेंगे। साथ ही वह देश में अपना वोटर कार्ड बनवाने के लिए मतदाता पंजीकरण की प्रक्रिया भी शुरू करेंगे। उनकी यह सक्रियता आने वाले चुनावों को लेकर बीएनपी की रणनीति और तैयारियों का स्पष्ट संकेत मानी जा रही है।






