
धन और खुशहाली का प्रतीक है केले का पौधा(सौ.सोशल मीडिया)
Banana Plant Vastu: भारतीय हिन्दू संस्कृति और वास्तु शास्त्र में पेड़-पौधों को सिर्फ हरियाली का हिस्सा नहीं, बल्कि देवी-देवताओं का स्वरूप और सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत माना गया है। इन्हीं पौधों में से एक है केले का पौधा, जिसे हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और शुभ माना गया है।
इसे भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का प्रतीक भी माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि घर में सही स्थान पर केले का पौधा लगाने से धन, सुख-समृद्धि और वैवाहिक शांति बनी रहती है। जानिए वास्तु के अनुसार, केले के पौधे का महत्व और इसे घर में लगाने के कुछ खास नियम।
वास्तु शास्त्र में केले का पौधा भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है। यही कारण है कि बृहस्पतिवार (गुरुवार) के दिन भगवान विष्णु और देवगुरु बृहस्पति की पूजा में केले के पत्ते और फल का विशेष रूप से इस्तेमाल किया जाता है।
ऐसा माना जाता है कि केले के पेड़ में स्वयं भगवान विष्णु का वास होता है। जिस घर में यह पौधा होता है, वहां विष्णु भगवान की कृपा सदैव बनी रहती है।
वास्तु शास्त्र में बताया गया है कि, केले का पौधा घर की नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है। साथ ही, घर में सकारात्मकता लेकर आता है। इसके अलावा, यह घर में शांति और खुशहाली लाने में मदद करता है और साथ ही साथ यह घर के सदस्यों के बीच प्रेम और खुशहाली भी बढ़ाता है।
शुभ दिशा – केले का पौधा घर के पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में लगाना सबसे शुभ माना जाता है।
दिन का चयन – इसे गुरुवार के दिन लगाना उत्तम होता है, क्योंकि यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित है।
स्थान – केले का पौधा घर के बाहर, खुले स्थान में लगाएं। घर के अंदर लगाना अशुभ माना जाता है।
पानी और देखभाल – पौधा सूखा या मुरझाया न रहे। नियमित जल दें और साफ-सफाई रखें।
पूजा विधि – गुरुवार को पौधे पर जल चढ़ाएं, हल्दी मिलाकर अर्पित करें और दीपक जलाएं।
अकेला पौधा न लगाएं – वास्तु के अनुसार एक ही केला का पौधा न लगाकर, उसके पास तुलसी या दूसरा शुभ पौधा लगाना बेहतर होता है।
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कटाई से बचें – बिना कारण केले के पौधे को काटना या नुकसान पहुंचाना अशुभ माना जाता है।
इन नियमों का पालन करने से घर में धन, सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।






