घाणेवाड़ी डैम (सौ. सोशल मीडिया )
Chhtrapati Sambhaji Maharaj Nagar News In Hindi: सौ वर्ष पुराने इस जलाशय की सुरक्षा दीवार का मामला लंबे समय से लटका हुआ है और हाल ही में हुई भारी बारिश ने जलाशय को ओवरफ्लो करा दिया है।
विशेषज्ञों और सामाजिक संगठनों की चेतावनी है कि अगर प्रशासन ने तुरंत कदम नहीं उठाए, तो केवल जलापूर्ति ही नहीं, बल्कि शहरवासियों की जान और गाल पर भी गंभीर खतरा उत्पन्न हो सकता है। घाणेवाड़ी जलाशय लगभग सौ वर्ष पुराना है और विशेषकर नया जालना क्षेत्र के नागरिकों के लिए जीवन रेखा का काम करता है।
सुरक्षा दीवार की मरम्मत का कार्य पिछले एक वर्ष से लंबित है। इसका मुख्य कारण महापालिका और लघुपाटबंधारे विभाग के बीच तालाब का मालिक कौन इसको लेकर विवाद है। महापालिका का कहना है कि उनकी जिम्मेदारी केवल जलापूर्ति व्यवस्था तक सीमित है, जबकि तालाब की सुरक्षा और अतिरिक्त खर्च का अधिकार लघु सिंचाई विभाग का है। वहीं लघु सिंचाई विभाग ने भी इस मामले को हल्के में लिया है। नतीजा यह हुआ कि ओवरफ्लो दोषार निर्माण नहीं हो रहा और केवल कागजी मरम्मत पर ध्यान दिया जा रहा है। पिछले वर्ष महापालिका ने लघु सिंचाई विभाग को सुरक्षा दीवार के पिचिग कार्य के लिए 15 लाख रुपये का निधि जारी किया था।
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हाल ही में हुई भारी बारिश के कारण जलवाय पूरी क्षमतल से भर गया और ओवरण हो गया सुरक्षा दीवार के कई पत्वर उखड़ चुके है और दीवार पर बड़े पेड़-पौधे उग आए है। इससे जलाशय की मजबूती और दीर्घकालीन सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठ रहे है। सामाजिक संस्थार जैसे घाणेवाडी जाल सरक्षण मंच, समस्त महाजन ट्रस्ट और कुंडलिका सीना फाउंडेशन ने जल संग्रहण क्षमता बढ़ाने और गाद निकालने में योगदान दिया है। फिलहाल, दोन ओवरफ्लो दीवाने से पानी बह रहा है, लेकिन दीवारी की स्थिति विकलनक बनी हुई है। इन अंतरपली दीवारों की मरम्मत करने जैसी स्थिति नहीं है इसको दोबारा से निर्माणा करने की जरूरत है।