संजय शिरसाट ने कहा-होटल नीलामी प्रक्रिया वैध (सौजन्यः सोशल मीडिया)
छत्रपती संभाजीनगर: “क्या हमारे बच्चों को व्यवसाय में नहीं जाना चाहिए? हमारे बच्चे सोने का चम्मच लेकर पैदा नहीं हुए हैं। कहा जाता है कि मेरे बेटे ने होटल खरीदा है। लेकिन मेरा बेटा अकेला नहीं है, उसके 5 साझेदार हैं।” पालकमंत्री संजय शिरसाट ने शिवसेना उबाठा समूह द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए कहा, “बैंक 50 प्रतिशत ऋण देगा और शेष 50 प्रतिशत सभी 5 साझेदार मिलकर चुकाएंगे। यह नीलामी अदालत के आदेश से की गई थी। सभी प्रक्रियाएं कानूनी रूप से की गई थीं।”
बता दें कि सिद्धांत शिरसाट ने वेदांत होटल खरीदा, इतना महंगा होटल खरीदने के लिए शिरसाट के बेटे के पास पैसा आया कहां से? कौन से टेंडरिंग से आया? किस दलाली या कमीशन से आया? यह पैसा एकनाथ शिंदे ने दिया या अमित शाह ने? क्या यह शिरसाट को मिले ५० खोकों का पैसा है? क्या शिरसाट को बाकी विधायकों से ज्यादा पैसा मिला? इस तरह के कंटीले सवालों की बौछार करते हुए शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता व सांसद संजय राऊत ने जोरदार हमला किया है।
जिसके जवाब में संजय राउत की आलोचना करते हुए जवाब देते हुए मंत्री शिरसाट ने कहा कि वे सुबह-सुबह इसलिए बोल रहे हैं क्योंकि उनकी रात की शराब नहीं उतरी है। वे प्रतिशत वाले दलाल हैं। यह नीलामी मेरे लिए नहीं हुई। यह सातवीं बार है। क्या मराठी आदमी को व्यवसाय नहीं खोलना चाहिए? दलालों, मेहनत करो और आगे बढ़ो।
मंत्री शिरसाट ने कहा कि अब बोली लगाना पूरी प्रक्रिया का हिस्सा है। 25 प्रतिशत अग्रिम भुगतान करना होता है। और बाकी पैसे 3 महीने में चुकाने होते हैं। मुझे बताएं कि किस मामले में भ्रष्टाचार हुआ। अगर कुछ गलत हुआ है, तो मैं सामने आकर बोलूंगा। पहले विषय का पता लगाएं, फिर बोलें। व्हीट्स होटल की नीलामी 7 बार हो चुकी है। नीलामी कोर्ट के आदेश से हुई थी और कोर्ट ने कीमत तय की थी। नीलामी रोकने के लिए कोई कोर्ट गया था। हालांकि, कोर्ट ने इसे स्वीकार नहीं किया।
पालकमंत्री संजय शिरसाट ने भी कहा कि बेटे सिद्धांत शिरसाट पर लगे उत्पीड़न के आरोपों के मामले में कुछ लोग बदनामी करने की कोशिश कर रहे थे। मुझे बदनाम करने के लिए निम्न स्तर की राजनीति की गई। हमें ऐसी निम्न स्तर की राजनीति नहीं करनी चाहिए, यह सब मुझे बदनाम करने के लिए किया गया। जिन्होंने ऐसा किया, उनके नाम सही समय पर घोषित करूंगा।