पड़ोसी की दीवार बनी 'काल' (सौजन्यः सोशल मीडिया)
छत्रपती संभाजीनगर: बुधवार रात भारी बारिश और तेज हवाओं के कारण शहर में एक मकान ढहने की घटना में 5 लोगों का परिवार जिंदा दब गया। इस घटना में आयशा अश्पक शेख (11) नामक लड़की की मौत हो गई। उसकी मां सादिया अश्पक शेख (35), पिता अश्पक शेख (48), भाई रिजवान अश्पक शेख (14) और दीसन अश्पक शेख (16) घायल हो गए। इनमें से रिजवान को आगे के इलाज के लिए छत्रपति संभाजीनगर घाटी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि मां, पिता और एक बेटे का कन्नड़ ग्रामीण अस्पताल में इलाज चल रहा है।
रिजवान को छोड़कर 3 अन्य को अस्पताल से घर भेज दिया गया है। तहसीलदार विद्याचरण कडवकर दोपहर 12 बजे पहुंचे और डेढ़ बजे तक रुके और परिवार से पूछताछ की तथा उन्हें सांत्वना दी। तहसीलदार विद्याचरण कडवकर ने बताया है कि सुबह पंचनामा करने के बाद मृतक लड़की के परिवार को नियमानुसार आर्थिक सहायता दी जाएगी।
शेख परिवार के बगल वाली इमारत जर्जर थी। इलाके के नागरिकों ने एक-दो-तीन साल पहले नगर परिषद को पत्र लिखकर कहा था कि इसे गिरा दिया जाना चाहिए। मार्च में जब तहसीलदार कडवकर नगर परिषद के प्रशासक थे, तब उन्होंने शहर का दौरा कर जर्जर और खतरनाक इमारतों का निरीक्षण किया था और इमारत मालिकों से खुद ही इमारत गिराने की अपील की थी। अगर इमारत मालिकों ने इस अपील पर अमल किया होता, तो आज एक बच्चे की जान नहीं जाती। इस घटना के कारण अब जर्जर घरों और इमारतों का मुद्दा चर्चा में आएगा।
पिछले सप्ताह से ही तालुका में बेमौसम बारिश हो रही है और अब पिछले 3 दिनों से रात में भी बेमौसम बारिश हो रही है और साथ ही तूफानी हवाएं भी चल रही हैं, ऐसा लग रहा है जैसे बेमौसम बारिश थम गई है। बेमौसम बारिश ने खरीफ सीजन के कृषि कार्यों पर ब्रेक लगा दिया है, लेकिन इससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। रात में हुई भारी बारिश के कारण गर्मी के बीच तालुका की शिवना नदी में बाढ़ आ गई है और नदी उफान पर है।
इस बीच, कन्नड़ शहर में चम्मन बंगला के पास एक घर की दीवार रात करीब साढ़े ग्यारह बजे ढह गई, जिसमें दो बच्चे फंस गए। बच्चों को बचाने के लिए नागरिक दौड़े और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उनकी हालत ठीक बताई जा रही है। तहसीलदार विद्याचरण कडवकर और आपदा प्रबंधन दल स्थिति पर नजर रख रहे हैं।