
प्रतीकात्मक तस्वीर ( सोर्स: सोशल मीडिया )
Cyber Police Action Hindi News: जालना लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस (एलएल) दिलाने के नाम पर फर्जी वेबसाइट बनाकर नागरिकों से धोखाधड़ी करने वाले संगठित गिरोह का स्थानीय अपराध शाखा और साइबर पुलिस ने पर्दाफाश किया है।
प्रकरण के मुख्य आरोपी बिहुराज प्रमोद यादव (24, टेंगराहा, जिला सहरसा बिहार) को वहां से दबोचा गया। पुलिस ने उसे 28 दिसंबर को न्यायालय में पेश करने पर चार दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है।
इससे पहले प्रकरण में इससे पहले जम्मू-कश्मीर निवासी फैसल बशीर मीर (24), जालना निवासी मुजाहिद उर्फ डॉन रईसोद्दीन अंसारी (32) को हवालात में भेजा गया है।
उप-प्रादेशिक परिवहन कार्यालय में पदस्थ सहायक मोटर वाहन निरीक्षक अभिजीत बावस्कर ने 26 नवंबर 2025 को साइबर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। उसमें उन्होंने कहा कि अज्ञात आरोपियों ने फर्जी वेबसाइट तैयार कर सरकारी कंप्यूटर प्रणाली में अनधिकृत रूप से प्रवेश किया।
यह कार्रवाई पुलिस अधीक्षक अजयकुमार बंसल, अपर पुलिस अधीक्षक आयुष नोपाणी के साथ ही सहरसा जिले के पुलिस अधीक्षक हिमांशु, साइबर थाने के उप अधीक्षक अजीत कुमार, उप विभागीय पुलिस अधिकारी अनंत कुलकर्णी के मार्गदर्शन में की गई।
स्थानीय अपराध शाखा के निरीक्षक पंकज जाधव, पीआई गुणाजी शिंदे, पीएसआई राजेंद्र वाघ, योगेश चव्हाण, प्रभाकर बाघ, सागर बाविस्कर, इरशाद पटेल, दत्ता वाघुंडे व साइबर पुलिस थाना के कर्मचारी संदीप मांटे, सचिन चौधरी, गणेश राठौड़ आदि शामिल हुए।
सरकारी प्रक्रियाओं का दुरुपयोग कर नागरिकों को अवैध रूप से लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस उपलब्ध कराकर आरोपियों ने आर्थिक लाभ अर्जित किया, शिकायत के आधार पर प्राथमिकता दर्ज कराई गई।
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक व अपर पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर स्थानीय अपराध शाखा व साइबर पुलिस की संयुक्त टीम गठित की गई थी। 23 दिसंबर 2025 को पुलिस टीम बिहार रवाना हुई व ठिकाने बदल रहा मुख्य आरोपी बिदुराज को बंदी बनाया।
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पटना, सिमरी बख्तियारपुर व सहरसा में तकनीकी व स्थानीय स्तर पर जांच के बाद हुई कार्रवाई में आरोपी के कब्जे से अपराध में प्रयुक्त लैपटॉप, आईफोन व थंब मशीन संग कुल 1,46,000 मूल्य का सामान जब्त किया गया।






