राजू शेट्टी और अजित पवार (सौजन्य-सोशल मीडिया)
छत्रपति संभाजीनगर: महाराष्ट्र में उपमुख्यमंत्री अजित पवार के किसानों के कर्जमाफी के वादे से मुकरने के बाद राज्य में तनाव बढ़ गया है। पूर्व सांसद और स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के प्रमुख राजू शेट्टी ने “फसल ऋण माफ नहीं करने” को लेकर शनिवार को महाराष्ट्र सरकार पर हमला बोला और दावा किया कि राज्य में असहाय किसान “कीड़ों की तरह मर रहे हैं”। उन्होंने कहा कि चाहे कितने भी किसान आत्महत्या करने जैसे कदम उठा लें, सरकार ‘बेशर्म’ बनी रहेगी।
राजू शेट्टी ने कहा कि उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कर्जमाफी नहीं करने की घोषणा करके किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। अजित पवार ने 28 मार्च को पुणे के बारामती में एक कार्यक्रम में कहा था कि राज्य की मौजूदा वित्तीय स्थिति की वजह से फसल ऋण माफी नहीं की जा सकती। उन्होंने किसानों से इस संबंध में घोषणा की प्रतीक्षा करने के बजाय समय पर किस्तों का भुगतान करने को कहा था।
राजू शेट्टी ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को संबोधित फेसबुक पर एक पोस्ट में कहा कि परभणी जिले के सचिन जाधव नामक किसान ने हाल ही में फांसी लगा ली, क्योंकि वह अपनी बहन की शादी के लिए लिया गया ऋण चुकाने में असफल रहा था। किसान नेता ने पोस्ट में कहा कि इसके बाद सचिन की सात महीने की गर्भवती पत्नी ने भी आत्महत्या कर ली। सचिन की तीन और पांच साल की दो बेटियां हैं। राजू शेट्टी ने यह भी कहा कि वह सचिन की दोनों बेटियों की देखभाल करेंगे।
अजित पवार पर संजय शिरसाट ने भी आरोप लगाए है। अजित पवार के मुकरने के बाद महाराष्ट्र के सामाजिक न्याय मंत्री और शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने भी शनिवार को अजित पवार के नेतृत्व वाले वित्त विभाग पर ‘‘मनमानी” करने का आरोप लगाया और कहा कि उनकी जानकारी के बिना उनके विभाग के धन का अवैध तरीके से दुरुपयोग किया गया है।
महाराष्ट्र से जुड़ी अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…
संजय शिरसाट ने छत्रपति संभाजीनगर में संवाददाताओं से अजित पवार के बारे में अप्रत्यक्ष रूप से कहा कि उन्होंने मुझे अंधेरे में रखकर पहले बजट के दौरान मेरे विभाग की 7,000 करोड़ रुपये की राशि विवर्तित कर दी। अगर सरकार नहीं चाहती कि सामाजिक न्याय विभाग काम करे या वे पैसा खर्च नहीं करना चाहते तो उन्हें इस विभाग को बंद कर देना चाहिए। इसे अन्याय कहें या कुछ और। मुझे इसके पीछे का कारण नहीं पता। शिरसाट सामाजिक न्याय विभाग को दिए गए 413.30 करोड़ रुपये के कथित दुरुपयोग से नाराज हैं। (एजेंसी इनपुट के साथ)