
प्रतीकातम्क तस्वीर ( सोर्स: सोशल मीडिया )
Ghati Hospital Hindi News: छत्रपति संभाजीनगर शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल, घाटी की ओर से विलंबित जन्म और मृत्यु पंजीकरण के कुल 7,214 प्रकरणों की जांच पड़ताल की गई है। इनमें से 2,173 प्रमाण-पत्र रद्द कर दिए गए हैं और शेष 5,041 मामलों की जांच अभी जारी है।
जांच में यह पता चला कि अधिकांश मामलों में केवल आधार कार्ड को ही एकमात्र प्रमाण मानकर पंजीकरण किया गया था। कई प्रमाण-पत्रों में जन्मतिथि में विसंगतियां दिखीं व बिना किसी मूलभूत दस्तावेज के पंजीकरण किए जाने का गंभीर खुलासा हुआ।
छत्रपति संभाजीनगर उपविभागीय अधिकारी कार्यालय ने ऐसे प्रकरणों को गंभीरता से लेकर कार्रवाई की गति बढ़ा दी है। यही वजह है कि उनके कार्यक्षेत्र में अब तक 47 लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज किए जा चुके हैं।
समझा जाता है कि विलंबित प्रमाणपत्र प्रक्रिया में फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत करना, गलत लाभ उठाना और सरकारी अधिकारियों को गुमराह करने जैसे गंभीर अपराधों के तहत यह कार्रवाई की गई है। इसके अलावा 139 अवैध प्रमाण-पत्र रद्द करने की प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है। अधिकारियों ने संबंधित लाभार्थियों को शीघ्र ही कानूनी दायरे में लाने की बात कही है।
पुलिस ने प्रमाण-पत्रों के जरिए शासकीय योजनाओं का दुरुपयोग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के साथ ही फरार लाभार्थियों की खोज के लिए विशेष टीमें गठित की हैं।
राजस्व एवं वन विभाग की ओर से जारी परिपत्र के बाद जिले की सभी शासकीय तंत्र पूर्ण क्षमता के साथ सक्रिय हो गई हैं। नायब तहसीलदार, तहसीलदार, नगरपालिका, महानगर पालिका और ग्राम पंचायत स्तर के पंजीयन रद्द किए गए प्रमाण-पत्रों की मूल प्रतियां जब्त करने के निर्देश दिए गए हैं।
यह भी पढ़ें:-Sambhajinagar: ई-बस खाली, निजी एजेंट यात्रियों को ले उड़े, अब एजेंट पर दर्ज हुआ मामला
यदि लाभार्थी मूल प्रतियां नहीं देते हैं, तो पुलिस सहायता लेने के आदेश भी जारी किए गए हैं। साथ ही सीआरएस पोर्टल पर की गई गलत प्रविष्टियों को तत्काल हटाने की अनिवार्यता की गई है।






