
( सोर्स: सोशल मीडिया )
ST Transport Issue Hindi News: मध्यवर्ती बस स्टैंड पर एजेंटों की सक्रियता व यात्रियों की खुलेआम छीना-झपटी किए जाने के चलते ई-बसों को यात्री नहीं मिल पा रहे हैं। इससे आहत होकर नाशिक के एक परिचालक ने सीधे सीधे परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक से शिकायत कर दी।
मंत्री के घटना का संज्ञान लेने के बाद अधिकारियों में हड़कंप मच गया। हमेशा एजेंटों की ओर अनदेखी एसटी परिवहन महामंडल का राजस्व डूबाने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों ने आनन-फानन में एक निजी बस एजेंट के खिलाफ क्रांति चौक पुलिस थाने में फरियाद दर्ज कराई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, नाशिक से छत्रपति संभाजीनगर पहुंची ई-शिवाई बस को दोपहर में वापसी के लिए प्लेटफॉर्म पर लगाया गया था।
हालांकि, यात्रियों के अभाव में बस वहीं पर खड़ी रही। परिचालक ने प्रयास करते हुए किसी तरह 7-8 यात्री जुटाए। उसकी मेहनत पर तब पानी फिर गया, जब एक निजी बस का एजेंट सभी यात्रियों को बहला फुसलाकर और जल्दी नाशिक पहुंचाने का आश्वासन देकर उन्हें ले गया।
इस पूरी घटना का वीडियो संबंधित परिचालक ने रिकॉर्ड कर लिया और स्थानीय अधिकारियों से शिकायत की। हालांकि, उचित सहयोग नहीं मिलने के चलते उसने वह वीडियो सीधे परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक को भेज दिया। यही नहीं, एसटी परिवहन निगम के परिचालक की शिकायत की जांच की गई।
166 अधिकारियों का कहना है कि वैसी कोई बड़ी घटना नहीं हुई, हालांकि एक एजेंट बस अड्डे पर घूमते पाया गया। उसके खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है। यही नहीं, मध्यवर्ती बस स्टैंड में मंडराने वाले एसटी एजेंटों के खिलाफ कड़ी करने के लिए कार्रवाई का अभियान शुरू किया गया है।
-विभाग नियंत्रक, प्रमोद नेहूल
इस घटना से यह स्पष्ट हुआ है कि बस अड्डों पर सुबह से ही एजेंटों का जमावड़ा लग जाता है, जो दिन भर रहता है। बस अड्डा प्रमुखों व अन्य अधिकारियों की अनदेखी के कारण एजेंटों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। इस तरह की कार्रवाई नियमित रूप से करने की मांग ने जोर पकड़ लिया है।
बता दें कि मध्यवर्ती बस स्टैंड पर हमेशा एजेंटों का जमावड़ा रहता है। वे नियमों का सरेआम उल्लंघन करते हुए सीधे मध्यवर्ती बस स्टैंड में पहुंच जाते हैं। यही नहीं, यात्रियों को बरगला कर और जल्दी गंतव्य तक पहुंचाने का लालच देते हैं।
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यात्री भी जल्दी पहुंचने की आस में उनके साथ चल आते हैं और उनके बताए वाहनों में बैठ जाते हैं। उन्हें सवारियां जल्दी नहीं मिलतीं। ऐसे में यात्रियों के समक्ष दुविधा की स्थिति बन जाती है।
एसटी बस में पुनः जाने की चाहत दर्शाई, तो वह समय पर नहीं मिलने व निजी वाहन जाने का संदेह बना रहा है। ऐसे में अधिकांश यात्री यह फैसला नहीं पाते कि वह क्या करें। एसटी बस के परिचालक के साहस की दाद देनी होगी जिसने सीधे परिवहन मंत्री सरनाईक से ही शिकायत कर दी।






