अमरावती जिले में अब तक 669.5 मिमी बारिश हुई के आंकड़े (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Amravati District: इस वर्ष खरीफ सीजन जून-जुलाई में कम बारिश से प्रभावित रहा। हालांकि अगस्त में हुई भारी बारिश से किसानों को कुछ राहत मिली है। जिले के विभिन्न तहसीलों का जायजा लेने पर पता चला कि कई तहसील में अगस्त में औसत से अधिक बारिश हुई। जिससे अगस्त महीने में बारिश के आंकड़ों में सुधार हुआ है, लेकिन जिला अभी भी पिछले साल की तुलना में बारिश की कमी से पिछड़ा हुआ है। अगर आगामी सितंबर में भी बारिश जारी रही, तो खरीफ सीजन पर एक बड़ा खतरा टल जाएगा। अन्यथा, कुछ तहसील में फसल खराब होने का डर बना हुआ है।
जून-जुलाई बनाम अगस्त : जिले में जून-जुलाई महीने में औसतन 328.4 मिमी बारिश हुई, जो केवल 77.6 प्रतिशत थी। अनुशेष बड़ा रहने से खरीफ फसलें मुरझाने का डर था। अगस्त में 245.2 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो 85.9 प्रतिशत तक पहुंच गई। यानी पिछले दो महीनों की तुलना में अगस्त में हुई बारिश ने बकाया राशि को कुछ हद तक कम किया।
उल्लेखनीय है कि तिवसा (151%), भातकुली (123।8%), चांदूर रेलवे (133।9%), अंजनगांव सुर्जी (130%), चांदूर बाजार (117.6%), दर्यापुर (115.9%), नांदगांव खंडेश्वर (112.2%) और वरुड (102.5%) इन तहसील में औसत से अधिक बारिश हुई, जिससे खरीफ फसलों को जीवन मिला। हालांकि अचलपुर (72.4%), धारणी (66.5%) और चिखलदरा (53%) तहसील में बारिश अपर्याप्त रही।
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पिछले वर्ष की तुलना में (जून-अगस्त) जिले में 669.5 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो 94.5 प्रतिशत थी। इस वर्ष इसी अवधि में 573.6 मिमी बारिश हुई, जो केवल 82 प्रतिशत है। यानी पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष लगभग 96 मिमी बारिश कम हुई है।
हालांकि अगस्त में हुई बारिश ने खरीफ की फसलों को ठीक होने में मदद की है, फिर भी कुछ क्षेत्रों में अभी भी बारिश कम है। धारणी, चिखलदरा और अचलपुर तालुकाओं में फसल की स्थिति विशेष रूप से चिंताजनक है। जबकि मैदानी क्षेत्रों भातकुली, नांदगांव खंडेश्वर, दर्यापुर, चांदूर रेलवे, अंजनगांव सुर्जी में फसल की स्थिति अपेक्षाकृत अच्छी है।