मनोज जरांगे
Maratha reservation Protest: मुंबई पुलिस ने आजाद मैदान खाली कराने के लिए मराठा आंदोलनकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। इस दौरान आंदोलन के नेता मनोज जरांगे के समर्थकों और पुलिसकर्मियों के बीच जोरदार बहस चल रही है। हालांकि, पुलिस प्रशासन आंदोलनकारियों को समझाने में लगा हुआ है और शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन खत्म करने की मांग कर रहा है। पुलिस ने यह कार्रवाई बॉम्बे हाईकोर्ट के दोपहर 3 बजे तक आजाद मैदान खाली कराने के निर्देशों के तहत शुरू की है।
इसी बीच आंदोलन के नेता मनोज जरांगे पाटिल ने बड़ा ऐलान करते हुए अपने समर्थकों से आंदोलन स्थल को खाली करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि जो आंदोलनकारी वाहन लेकर आए हैं, वे मुंबई से बाहर चले जाएंगे और आंदोलन स्थल पर केवल 5000 लोग ही रहेंगे।
हालांकि, पुलिस ने आंदोलनकारियों से साफ कह दिया है कि सभी प्रदर्शनकारियों को आजाद मैदान खाली करना होगा। इसके बाद आंदोलनकारियों और पुलिस के बीच बहस हो गई। वहीं, आंदोलनकारियों ने भी स्पष्ट कर दिया है कि जब तक मनोज जरांगे पाटिल खुद उन्हें आजाद मैदान खाली करने का आदेश नहीं देंगे, तब तक वे मैदान से नहीं हटेंगे।
इससे पहले जरांगे ने पुलिस नोटिस के जवाब में कहा था कि वह अपनी मांगें पूरी होने तक मुंबई नहीं छोड़ेंगे, चाहे उनकी जान ही क्यों न चली जाए। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने और हिंसा से बचने की अपील की है। जरांगे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को भी चेतावनी दी है कि यदि सरकार मराठा समुदाय का सम्मान करेगी, तो वे भी सरकार का सम्मान करेंगे।
यह भी पढ़ें- मेरी छवि धूमिल करने की सुनियोजित साजिश, भाजपा पर बरसे कांग्रेस उपाध्यक्ष हुसैन
दरअसल, मंगलवार सुबह मुंबई पुलिस ने बॉम्बे हाईकोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए मराठा आरक्षण के नेता जरांगे पाटिल को नियमों के उल्लंघन के लिए नोटिस जारी किया था और आंदोलनकारियों से आजाद मैदान खाली करने की अपील की थी। नोटिस में यह भी उल्लेख किया गया है कि पुलिस ने जरांगे पाटिल के मीडिया में दिए गए बयानों पर भी ध्यान दिया है और उन्हें नोटिस में शामिल किया है। हालांकि, प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के फैसले को अदालत में चुनौती देने की बात कही है।