मनरेगा मजदूर-फाइल फोटो (सोर्स: सोशल मीडिया)
अमरावती: अमरावती जिले में मेलघाट के धारणी और चिखलदरा तहसील के करीब 60 हजार मजदूरों होली से पहले परेशन है। इन मजदूरों की 62 करोड़ रुपए से अधिक मजदूरी लटकी पड़ी है। मेलघाट के विधायक केवलराम काले ने मुंबई में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात कर निधि की मांग की है।
मेलघाट विधानसभा क्षेत्र एक आदिवासी बहुल क्षेत्र है और चिखलदरा और धारणी तहसील के मजदूर महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत काम कर रहे हैं। लेकिन मेलघाट में मजदूरों को पिछले चार-पांच महीने से मजदूरी नहीं मिली है।
चूंकि मजदूरों के लिए जीविका चलाना मुश्किल हो गया है, इसलिए मेलघाट से मजदूरों का बड़े पैमाने पर पलायन हो रहा है। सरकार के फैसले के अनुसार मजदूरों को 15 दिनों के भीतर मजदूरी मिलना अपेक्षित है।
इसके बावजूद आदिवासी बंधुओं का सबसे बड़ा त्योहार होली को कुछ ही दिन शेष होने के बावजूद मजदूरी न मिलने से आदिवासी मजदूरों में असंतोष निर्माण हुआ है। 13 मार्च को होने वाले होली त्योहार के पूर्व मजदूरों के वेतन के लिए निधि देने की मांग विधायक केवलराम काले ने की है।
मेलघाट में आदिवासी मजदूरों को पिछले तीन महीने से वेतन नहीं मिला है। आदिवासियों ने अपना वेतन पाने के लिए ताला ठोको विरोध प्रदर्शन किया। हालांकि, प्रशासन ने इस पर ध्यान नहीं दिया। आमसभा में आदिवासी महिला सरपंच ने कहा कि गृहस्वामी अपनी लाडकी बहिन योजना के पैसे पर निर्भर है। इस समय मेलघाट विधायक केवलराम काले ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर मजदूरों को तत्काल मजदूरी का भुगतान करने की मांग की है।
मेलघाट, महाराष्ट्र का एक महत्वपूर्ण इलाका है जो अपने प्राकृतिक सौंदर्य और वन्य जीवन के लिए प्रसिद्ध है। मेलघाट में मजदूरों का पलायन मुख्य रूप से आर्थिक कारणों से होता है। इस क्षेत्र में कृषि और वन्य संसाधनों पर निर्भरता ज्यादा है, लेकिन इन स्रोतों से आमदनी सीमित है।
कई बार कृषि कार्यों में अस्थिरता, जलवायु परिवर्तन, और बेरोज़गारी की स्थिति के कारण लोग बेहतर जीवन की तलाश में शहरों की ओर पलायन करते हैं। यह पलायन न केवल मजदूरों के लिए, बल्कि क्षेत्र के विकास के लिए भी चुनौतीपूर्ण है। इसका असर स्थानीय अर्थव्यवस्था, समाज, और संस्कृति पर भी पड़ता है।
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इस समस्या के समाधान के लिए सरकार और स्थानीय प्रशासन को इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ाने, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार, और कृषि को लाभकारी बनाने के लिए कदम उठाने की आवश्यकता है।