अकोला न्यूज
Akola News In Hindi: जिले भर में सर्वाधिक बुवाई सोयाबीन की फसल की की गयी है। दूसरे स्थान पर कपास की फसल है। जानकारी के अनुसार जिले में सोयाबीन की फसल का औसतन क्षेत्र 2,18,669 हेक्टेयर है। जिसमें 2,25,173 हेक्टेयर क्षेत्र में सोयाबीन की बुवाई की गयी है।
यह क्षेत्र औसत बुवाई का 95 प्रश है। जानकारी के अनुसार पिछले वर्ष की तुलना में सोयाबीन की बुवाई का क्षेत्र 16,344 हेक्टेयर कम हुआ है। जिले में कपास की फसल का औसतन क्षेत्र 1,28,593 हेक्टेयर है और 1,36,858 हेक्टेयर क्षेत्र में कपास की बुवाई की गयी है। यह औसतन 106 प्रश है। पिछले वर्ष की तुलना में कपास का क्षेत्र 14,841 हेक्टेयर क्षेत्र से बढ़ा है। इस तरह किसानों का रुझान कपास की बुवाई की तरफ बढ़ा हुआ दिखाई दे रहा है। खरीफ ज्वार की फसल का औसतन क्षेत्र 1404 हेक्टेयर है जिसमें 194 हेक्टेयर क्षेत्र में बुवाई की गयी है इस तरह यह औसतन 14 प्रश है।
जिले में मूंग की फसल का औसतन क्षेत्र 3160 हेक्टेयर है जिसमें से 1,344.9 हेक्टेयर क्षेत्र में मूंग की बुवाई की गयी है, यह औसतन 43 प्रश है। जिले में उड़द की फसल का औसतन क्षेत्र 2,237 हेक्टेयर है, जिसमें 1346.8 हेक्टेयर क्षेत्र में बुवाई की गयी है। यह औसतन 60 प्रश है।
जिले में तुअर की फसल का औसतन क्षेत्र 59,985 हेक्टेयर है जिसमें 60,095.2 हेक्टेयर क्षेत्र में तुअर की बुवाई की गयी है यह औसतन 100 प्रश है। पिछले वर्ष की तुलना में 1981 हेक्टेयर क्षेत्र में तुअर की फसलों की बुवाई कम हुई है। जानकारी के अनुसार जिले भर में खरीफ फसलों का नियोजन 4,31,884 हेक्टेयर क्षेत्र में किया गया है। इस तरह 99.9 प्रश क्षेत्र में खरीफ फसलों की बुवाई हुई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार अकोला तहसील के साथ साथ अन्य कुछ क्षेत्रों में सोयाबीन की फसल पर पत्ते खाने वाली इल्लियों का सक्रमण देखा जा रहा है। इसी तरह मुर्तिजापुर तहसील के साथ साथ अन्य कुछ तहसीलों में कपास की फसल पर कीटकों का संक्रमण दिखाई दे रहा है। जानकारी के अनुसार 1 जून से 11 सितंबर तक जिले में 602।2 मिमी बारिश दर्ज की गयी है।
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इस बारे में जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी शंकर किरवे से बातचीत करने पर उन्होंने बताया कि, जिले में सोयाबीन, कपास तथा तुअर की फसलों की स्थिति फिलहाल काफी अच्छी है। पूछने पर उन्होंने बताया कि, जिले के कुछ क्षेत्रों में खरीफ फसलों पर संक्रमण देखा जा रहा है, लेकिन उसे रोकने के लिए किसान रोग प्रतिबंधक छिड़काव कर रहेक्टेयरक्टेयर हैं। वैसे फिलहाल कीटकों के संक्रमण को लेकर किसानों ने चिंता नहीं करनी चाहिए। कीटनाशकों के छिड़काव से जल्दी ही फसलों की स्थिति सुधरेगी।