
अतिकालीन भत्ते में हो रहा आर्थिक नुकसान (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Akola News: महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) के अकोला विभाग में कार्यरत कर्मचारियों को समय पर वार्षिक वेतनवृद्धि और चयन श्रेणी नहीं मिलने के कारण तीव्र नाराजगी फैल गई है। इससे अतिकालीन भत्ते में आर्थिक नुकसान हो रहा है और कर्मचारियों का मनोबल प्रभावित हो रहा है। महाराष्ट्र एसटी कामगार सेना द्वारा बार-बार निवेदन और स्मरणपत्र देने के बावजूद प्रशासन की ओर से अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। डिपो क्रमांक एक के अध्यक्ष मनीष राणे और सचिव गोविंद पातालबंसी ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था, लेकिन 22 सितंबर को दिए गए स्मरणपत्र के बाद भी कोई निर्णय नहीं लिया गया।
कर्मचारियों का आरोप है कि प्रशासन की अनदेखी और लापरवाही से एसटी के कामकाज पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। एसटी कामगार सेना ने विभाग नियंत्रक को लिखित निवेदन देकर इस गंभीर समस्या की ओर ध्यान आकर्षित किया है। उनका कहना है कि वेतनवृद्धि और चयन श्रेणी जैसे ज्वलंत मुद्दों की अनदेखी से न केवल आर्थिक नुकसान हो रहा है, बल्कि कर्मचारियों की कार्यक्षमता भी प्रभावित हो रही है। स्थानीय प्रशासन की निष्क्रियता से कर्मचारियों में आश्चर्य और असंतोष की भावना बढ़ रही है।
एसटी महामंडल में चालक और वाहक की कमी के कारण सेवाओं के प्रभावित होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। कर्मचारियों ने स्पष्ट किया है कि यदि उन्हें समय पर वेतनवृद्धि और चयन श्रेणी दी जाती है, तो वे दुगनी मेहनत करने को तैयार हैं। एसटी कामगार सेना ने उम्मीद जताई है कि प्रशासन जल्द ही इस दिशा में सकारात्मक कदम उठाएगा, जिससे कर्मचारियों का मनोबल बढ़ेगा और सेवा व्यवस्था सुचारू रूप से चल सकेगी।
वेतनवृद्धि और चयन श्रेणी में देरी के कारण अकोला डिपो क्रमांक एक के चालक और वाहक अतिरिक्त काम करने से बच रहे हैं, जिससे अतिकालीन भत्ते में नुकसान हो रहा है। कर्मचारियों का कहना है कि जब तक उन्हें समय पर आर्थिक लाभ नहीं मिलेगा, वे अतिरिक्त कार्यभार नहीं उठाएंगे।
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इससे नियत सेवाओं के रद्द होने की संभावना भी जताई जा रही है। एसटी कामगार सेना ने विभाग नियंत्रक से अपील की है कि वे इस गंभीर समस्या पर तुरंत ध्यान दें और कर्मचारियों को उनका उचित हक दिलाएं।






