तुअर दाल 100 रु. किलो, किराणा के दामों में विशेष तेजी नहीं (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Akola News: वैसे तो जीवन के उपयोग में आनेवाली सभी वस्तुओं के दाम कुछ न कुछ बढ़ते रहते हैं। लेकिन फिलहाल खाद्य तेलों के दाम और अन्य कुछ किराणा वस्तुओं के दामों में कोई तेजी नहीं है। इस समय शहर में त्यौहारों का मौसम चल रहा है। उस अनुसार किराणा बाजारों में बहुत अधिक महंगाई नहीं है। कुछ वस्तुओं के दामों में जरूर तेजी है। वैसे तो खाद्य तेलों के दामों में कोई तेजी नहीं है। इस बारे में स्थानीय गौरक्षण रोड पर स्थित सुनील सुपर शॉपी के संचालक सुनील बोराखड़े से पूछने पर उन्होंने बताया कि, मूंग फल्ली का तेल 155 रू। से 175 रु। प्रति लीटर के अनुसार मिल रहा है।
उन्होंने बताया कि, आज भी बड़ी संख्या में लोग ऐसे हैं जो मूंग फल्ली का तेल ही पसंद करते हैं। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि सोयाबीन के तेल के दाम 125 से 140 रू। लीटर है, इसी तरह सनफ्लावर तेल 140 से 150 रू. लीटर, राइस ब्रांड तेल 140 रू.लीटर तक है। इसी तरह वनस्पती घी 150 से 160 रू. लीटर है।
उन्होंने जानकारी दी कि, तुअर दाल 100 रू. से 110 रू. किलो तक है। मूंग दाल 90 से 100, उड़द दाल 110 से 120 रू। किलो, चना दाल 70 से 90 रू। किलो, मसूर दाल 80 से 90 रू। किलो, बेसन 90 से 100 रू. किलो, गेहूं 35 से 45 रू. किलो, चिन्नोर चावल 80 से 90 रू. किलो के अनुसार उपलब्ध है। अन्य चावल 60 से 80 रु। के बीच हैं। खोबरा डोल 400 रू.किलो पर आ गया है।
इस समय मसालों के दाम स्थिर हैं। जीरा 280 से 300 रू.किलो तक है। अजवाइन 300 से 350 रू, सूखा धनिया 150 से 200 रू।, पीसी हुई मिर्च 350 से 400 रू., हल्दी 250 से 350 रू. किलो, सौंप 300 से 400 रू. किलो, लौंग 800 से 1000 रू., इलाइची 3000 से 3500 रू. किलो, मूंग फल्ली दानों के दाम 125 से 145 रू. प्रति किलो हो गए हैं। उपवास के लिए उपयोग किये जाने वाले साबूदाना के दाम 50 से 80 रू. किलो तक हैं। शुद्ध घी पैक डिब्बों में 550 से 650 रू. किलो, इसी तरह विविध कंपनियों के पैकिंग में 600 से 700 रू. किलो तक है।
ये भी पढ़े: दिवाली में घर जाना पड़ेगा महंगा! आसमान छूने लगा हवाई किराया, बस टिकट की कीमत भी बढ़ी
यह उल्लेखनीय है कि, किराणा वस्तुओं, खाद्य तेलों आदि के दामों में कोई बहुत अधिक तेजी नहीं है। इसके बावजूद किराणा बाजार में त्यौहारों का मौसम देखते हुए कोई विशेष भीड़ नहीं दिखाई दे रही है। ऐसा नहीं है कि लोगों में उत्साह नहीं है फिर भी पिछले वर्ष की तुलना में बाजारों में भीड़ काफी कम है। शायद अगले सप्ताह से किराणा बाजार में भीड़ बढ़ने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।