मृत खातेदारों के वारिसों को मिला भूमि अधिकार (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Akola District: अकोला जिले में मृत खातेदारों के वारिसों को भूमि संबंधी अधिकारों से वंचित न रहना पड़े, इसके लिए राजस्व प्रशासन द्वारा ‘जिंदा सात-बारा’ नामक विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत अगस्त माह के अंत तक जिले में कुल 3,162 फेरफार मंजूर किए गए हैं, जिनमें मृत खातेदारों के वारसों के नाम सात-बारा दस्तावेजों पर दर्ज किए गए हैं।
यह अभियान राज्य स्तर पर 1 अप्रैल 2025 से शुरू हुआ, जबकि इसको पायलट पहल मार्च में बुलडाना जिले से की गई थी। अकोला जिले में ग्राम राजस्थ आभयान का लाभ अधिकारियों द्वारा गांव-स्तरीय सर्वेक्षण किया गया, जिसमें 3,320 मृत खातेदारों की पहचान की गई। इसके बाद संबंधित वारिसों की सहमति प्राप्त कर फेरफार प्रक्रिया को गति दी गई,
राजस्व विभाग के अनुसार, कई मामलों में वारिसों के बीच सहमति न होने के कारण फेरफार लंबित रहते हैं, जिससे उन्हें फसल बीमा, अनुदान, और अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता। ‘जिंदा सात-बारा’ अभियान का उद्देश्य है कि मृत खातेदारों के वारिसों को उनकी भूमि से संबंधित सभी अधिकार शीघ्रता से प्राप्त हों। जिला प्रशासन ने इस अभियान को 100 दिवसीय कृति कार्यक्रम के अंतर्गत प्राथमिकता दी है। ग्राम स्तर पर अधिकारियों ने व्यक्तिगत रूप से संपर्क कर दस्तावेजी प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाया है। इससे ग्रामीणों में प्रशासन के प्रति विश्वास भी बढ़ा है।
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राजस्व विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “मृत खातेदारों की भूमि पर वारिसों का अधिकार सुनिक्षित करना न केवल कानूनी प्रक्रिया है, बल्कि यह सामाजिक न्याय की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम ‘जिंदा सात-बारा’ अभियान से न केवल दस्तावेजों की स्पष्टता बड़ी है, बल्कि वारिसों को योजनाओं से जोड़ने की राह भी खुली है। यह पहल ग्रामीण किसानों के लिए एक बड़ी राहत साबित हो रही है, जिससे वे अब अपनी भूमि पर अधिकारपूर्वक योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे।