चरस रैकेट (सौ. सोशल मीडिया )
Chhatrapati Sambhaji Nagar News In Hindi: अंबिकानगर में पकड़े गए चरस रैकेट की जांच अब नए खुलासों के साथ इंदौर तक पहुंच गई है। पुलिस द्वारा आरोपियों के मोबाइल ट्रांजेक्शन और पूछताछ से सामने आया है कि यह नेटवर्क केवल स्थानीय स्तर तक सीमित नहीं था, बल्कि मध्यप्रदेश से भी जुड़ा हुआ है।
गिरफ्तार आरोपी मोहम्मद मुजम्मिल के मोबाइल का पैटर्न लॉक तोड़ने के बाद जब ऑनलाइन पेमेंट हिस्ट्री की जांच की गई, तो पुलिस को बड़े पैमाने पर रकम ट्रांसफर होने की जानकारी मिली। पूछताछ में मुजम्मिल ने बताया कि यह रकम इंदौर में चरस खरीदने के लिए भेजी गई थी। इसी आधार पर पुलिस ने इस रैकेट की जड़ों तक पहुंचने के लिए जांच तेज कर दी है।
विशेष न्यायाधीश एन एस मोमिन ने इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों-मोहम्मद मुजम्मिल, मोहम्मद नजीर, नोमान खान, मोहम्मद लईकुद्दीन और शेख रेहान की पुलिस हिरासत पांच सितंबर तक बढ़ा दी है। वहीं मुख्य आरोपी शेख मोबिन अभी भी फरार है। मोबिन की मां और सहआरोपी सुल्ताना को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।
मुजम्मिल ने धंधे के लिए पैसे अपने दोस्त तालिब उर्फ मुब्बू से जुटाए, 23 जून को मोबिन और मुजम्मिल इंदौर रवाना हुए। वहां 24 जून को दोनों होटल में ठहरे। पुलिस ने होटल में रुकने और बिल भुगतान के सबूत भी जुटाए हैं। मोबिन ने वहां से चरस की ना खेप खरीदी और 70 हजार रुपए का भुगतान किया। उसने यह माल सप्लायर आकिब पटेल और ईस खान से लिया था।
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3 अगस्त को आरोपियों ने दोबारा इंदौर जाकर चरस खरीदी, लेकिन इस बार मौचिन ने मुजम्मिल को माल देने में आनाकानी की। इससे नाराज होकर मुजम्मिल 30 अगस्त को अपने साथियों नौमान, लईक और रेहान के साथ मोबिन के घर पहुंचा और उससे जवाब-तलब किया। उसी समय पुलिस ने अंबिकानगर इलाके में छापा मारकर पलंग के नीचे छिपा बड़ा चरस जखीरा बरामद किया और सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया लिस की जांच में अब तक कई अहम बातें सामने आई है। तालिब उर्फ मुब्बू इस कारोबार के लिए पूंजी मुहैया कराता था, जबकि इंदौर के आकिब पटेल और रईस खान चरस की आपूर्ति करते थे। अरबाज उर्फ माया ही वह सूत्रधार है जिसने मुजम्मिल और मोबिन को जोड़ा था। पुलिस अभी उसकी तलाश में जुटी है। साथ ही, आरोपियों ने अब तक चरस किन लोगों को बेची और मुकुंदवाडी में किसे सप्लाई करने वाले थे।