वर्षा मापक यंत्र (सौ. सोशल मीडिया )
Akola News In Hindi: जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में अब बारिश की मात्रा का सटीक मापन संभव होगा। केंद्र सरकार की एक परियोजना के तहत जिले की सभी 535 ग्राम पंचायत सीमाओं में वर्षा मापक यंत्र लगाए जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
इसके लिए कृषि और राजस्व विभाग द्वारा गांववार स्थल सर्वेक्षण किया जा रहा है। ग्राम पंचायतों से प्रस्ताव भी मांगे जा रहे हैं ताकि यंत्रों की स्थापना शीघ्र हो सके। पूर्व में वर्षा मापक यंत्रों की अनुपलब्धता के कारण कई बार वास्तविक बारिश दर्ज नहीं हो पाती थी, जिससे किसानों को फसल नुकसान की राहत राशि से वंचित रहना पड़ता था। अब गांव में ही वर्षा का मापन संभव होगा, जिससे अतिवृष्टि की स्थिति में सहायता प्राप्त करना आसान होगा।
जुलाई और अगस्त माह में जिले में सर्वाधिक वर्षा दर्ज की गई है। सरकार के अनुसार 65 मिमी से अधिक वर्षा को अतिवृष्टि माना जाता है। ऐसे में गांव स्तर पर मापन यंत्र की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही थी। आगामी माह भी वर्षा संभावित है, इसलिए संबंधित विभागों से तत्काल कार्रवाई की मांग की जा रही है।
वर्तमान में जिले के 52 राजस्व मंडलों में 52 वर्षा मापक यंत्र स्कायमेट संस्था के माध्यम से संचालित हैं। लेकिन इन यंत्रों की सीमित कवरेज के कारण स्थानीय स्तर की बारिश दर्ज नहीं हो पाती, जिससे मदद के लिए आवश्यक आंकड़े अधूरे रह जाते हैं। कई बार तेज बारिश और फसल नुकसान के बावजूद गांवों को राहत नहीं मिलती। अब गांववार यंत्रों की स्थापना से यह समस्या दूर होगी और किसानों को उनके नुकसान का सही मूल्यांकन मिल सकेगा।
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अकोला के जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी शंकर किरवे ने कहा है कि वर्तमान में, वर्षा की मात्रा मापने के लिए 52 वर्षामापी यंत्र लगे हुए हैं। हालांकि, अब सरकार ने प्रत्येक ग्राम पंचायत क्षेत्र में वर्षामापी यंत्र लगाने के निर्देश दिए हैं। वर्तमान में, क्षेत्र का ग्रामवार सर्वेक्षण चल रहा है।