कीटनाशक का छिड़काव महंगा (फाइल फोटो)
Washim News: वाशिम जिले में बारिश व बदरीला मौसम रहने से जिले में सोयाबीन फसल पर विविध कीटकों का संक्रमण बढ़ गया है। इस स्थिति से किसानों में चिंता का वातावरण होकर कीट नियंत्रण के लिए लगने वाले कीटनाशक छिड़काव के लिए किसानों को अतिरिक्त खर्च करने की नौबत आयी हुई है। विगत 8 से 10 दिनों से जिले भर में कम अधिक बारिश हो रही है।
कुछ स्थानों पर बादल फटे जैसी स्थिति हो गई है, इसमें मानोरा तहसील में 28 व 29 अगस्त को मूसलाधार बारिश हुई है। इस परिसर में बाढ़ जैसी स्थिति निर्माण होकर खेत शिवार में जल जमाव हुआ है। जिससे फसलों को नुकसान पहुंचा है, ऐसे में खेत में रहने वाले सोयाबीन फसल पर विपरीत असर होने की संभावना जतायी जा रही है।
जून जुलाई में अपेक्षित औसतन बारिश दर्ज नहीं हो सकी, तो अगस्त की शुरुआत में बारिश ने विश्रांती लेने से फसलों की अंकुरित होने गति धीमी हो गई थी, लेकिन गत सप्ताह से हुए जोरदार बारिश के कारण फसलों को राहत मिली है, लेकिन जहां पर खेतों में जल जमाव है वहां पर फसले पीली हो रही है। कमजोर हो रहे फसलों पर बुरशीजन्य रोगो का संक्रमण होने की संभावना हो रही है।
अगले कुछ दिनों में तापमान में बदलाव होकर सोयाबीन फसलों पर बुरशीजन्य रोगो के संक्रमण से होने की संभावना से नजर आ रही है, सितंबर के पहले दूसरे सप्ताह में सोयाबीन की फल्लियां भरने की अवस्था में होने से चरकोल रेंट नामक रोगों का संक्रमण हो सकता है, लगातार बारिश, बदरीला मौसम रहने पर रायझोक्टोनिया एरियल ब्लाईट और करपा रोगों का खतरा भी बना रहने का कृषि विशेषज्ञो का मत है।
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नई अंकुरित सोयाबीन के करीब 30 प्रश पत्ते यह इल्लियां खाती है, जिससे प्राथमिक अवस्था में रहनेवाले सोयाबीन फसलो का नुकसान हो रहा है, परिणामत: किसानों को बड़े प्रमाण में कीटनाशक छिड़काव करने की नौबत आयी है। किसानों ने बदलते मौसम में होनेवाली सोयाबीन फसलों पर इल्लियों को नष्ट करने के कृषि विभाग के सलाह नुसार कीटनाशक का छिड़काव करने का आवाहन किया गया है।