हिंदी के प्रति बालभारती की भूमिका निष्पक्ष (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Akola News: हिंदी के प्रति बालभारती की भूमिका निष्पक्ष है, यहां सभी भाषाओं में आपसी संवाद दिखाई देता है, यह विचार हिंदी के प्रसिद्ध कवि तथा माध्यमिक हिंदी द्वितीय भाषा समिति बालभारती पुणे के अध्यक्ष डॉ.प्रमोद कुमार शुक्ल ने हिंदी पखवाड़े के अंतर्गत नवभारत से विशेष बातचीत के दौरान प्रकट किए। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि, पुणे की बालभारती संस्था शालेय स्तर पर पहली से बारहवीं तक की कक्षाओं के सभी विषयों की पुस्तकों का निर्माण करती है। यह इस संस्था का मुख्य कार्य है। डा.शुक्ल करीब 26 वर्षों से अपनी सेवाएं दे रहें हैं। पहले कुछ वर्षों तक उन्हें समीक्षण हेतु बुलाया जाता रहा हैं। अब वे समिति के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं।
उन्होंने बताया कि, किसी भी विषय की पुस्तक का निर्माण निर्धारित पाठ्यक्रम के आधार पर किया जाता है। समिति के सारे सदस्य पाठ्यक्रम के अनुसार सामग्री का चयन करते हैं। शैक्षणिक विकास की दृष्टि से ही पाठ्यक्रम निर्धारित किया जाता है। शैक्षणिक विकास में विविध स्तरीय कक्षाओं के विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास का लक्ष्य साध्य किया जाता है।
इस लक्ष्य तक पहुँचने में बालभारती द्वारा निर्मित पुस्तकों की भूमिका अहम होती है। पाठ्यक्रम तैयार करते समय संबंधित कक्षा के छात्रों की आयु का विशेष ध्यान रखा जाता है। संबंधित विषय की पुस्तक ज्ञान वर्धक अवश्य हो किंतु वह छात्रों को बोझिल या उबाऊ न लगे इसका भी ध्यान रखा जाता है।
उन्होंने बताया कि, हिंदी को लेकर बालभारती ने हमेशा निष्पक्ष भूमिका निभाई है। इस संस्था में कभी भी हिंदी के प्रति विरोध की भावना दिखाई नहीं दी। हिंदी प्रथम भाषा तथा हिंदी द्वितीय भाषा की पुस्तकें स्वतंत्र रूप से तैयार की जाती हैं। अन्य विषय की पुस्तकें मराठी या अंग्रेजी से हिंदी में अनुवादित की जाती हैं। बालभारती में हिंदी, मराठी, अंग्रेजी, उर्दू, बांग्ला, तेलुगु, कन्नड़, गुजराती, सिंधी आदि भाषाओं की पुस्तकें तैयार की जाती हैं। यहाँ सभी भाषाओं में आपसी संवाद दिखाई देता है।
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यहाँ शैक्षणिक बोर्ड की पुस्तकें निर्मित होती हैं । विविध विषयों के अनुसार यहाँ अलग, अलग विभाग हैं। कई पुरस्कार मिले डॉ।प्रमोद कुमार शुक्ल हिंदी में पीएचडी हैं तथा उनकी हिंदी साहित्य की अनेक विधाओं में पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं। कुछ पुस्तकों को राज्य हिंदी साहित्य अकादमी के साथ साथ अन्य कई पुरस्कार प्राप्त हुए हैं।